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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1012 ) शाम्बविकः [ शम्बु+ठक | शंखों का व्यापारी। शारी[ शारि+डीष ] एक पक्षी, मैना। शाम्बु (बू) क, [ शम्बुक-+अण् ] द्विकोषीय घोंघा। शारीर (वि०) (स्त्री०-री) [शरीर+अण्] 1. शरीर शाम्भव (वि०) (स्त्री०-वी) [ शम्भु+अण् ] शिव- से संबद्ध शारीरिक, दैहिक 2. शरीरधारी, मूर्तिमान्, सम्बन्धी - अतुं वाञ्छति शांभवो गणयतेरा क्षुधार्तः ---रः शरीरधारी, जीवात्मा, मानवात्मा, वैयक्तिक फणी- पंच० १११५९,-वः 1. शिवोपासक 2. शिव आत्मा 2. साँड़ 3. एक प्रकार की औषधि / जी का पुत्र 3. कपूर 4. एक प्रकार का विष,—वम् | शारीरक (वि.) (स्त्री० की) [शरीर+कन्+ देवदारु वृक्ष / अण् ] शरीर सम्बन्धी,-कम् 1. मूर्तिमान् जीव, शाम्भवी [शाम्भव+डीप् ] 1. पार्वती 2. एक पौधा, जीव के स्वरूप की पृच्छा (ब्रह्मसूत्रों पर शङ्कराचार्य नीलदूर्बा। द्वारा किया गया भाष्य)। सम०-सूत्रम् वेदान्त शायक: [शो+ण्वुल] 1. बाण 2. तलवार, तु० सायक / दर्शन के सूत्र / शार् (चुरा० उभ० शारयति ते) 1. दुर्बल करना | शारीरिक (वि.) (स्त्री०-की) [शरीर+ठक] दैहिक, 2. कमज़ोर होना। शरीर संबन्धी, भौतिक / शार (वि.) [ शार+अच, श-+घञ वा ] चितकबरा, शाहक (वि.) (स्त्री०-की) [श+उका] अनिष्टकर, धब्बेदार चित्तीदार, शबल, - रः 1. रंगबिरंगा रंग, चोट पहुंचाने वाला, उपद्रवी। 2. हरा रंग 3. हवा, बाय 4. शतरंज का मोहरा, शार्ककः [शर्क-अण--कन] दानेदार चमकीली खांड, गोट - भर्त० 3 / 39 5. क्षति पहुंचाने वाला, आघात | मिसरी। करने वाला। | शार्कर (वि०) (स्त्री०-री) शिर्करा+अण] 1. चीनी शारण: [शारम् अङ्गम् यस्य--ब० स० ] 1. चातक पक्षी का बना हुआ, शर्करामिश्रित 2. पथरीला, कंकरीला, 2. मोर 3. भौंरा 4. हरिण 5. हाथी, तु. सारंग / ___ --र: कंकरीला स्थान 2. दूध का झाग, पपड़ी शारङ्गी [ शारङ्ग+ङीष् ] एक संगीत वाद्य विशेष जो गज 3. मलाई। से बजाया जाता है, तु. सारंगी। शाई (वि.) [शृङ्ग+अण् ] 1. सींग का बना शारद (वि०) [ शरदि भवम् -- अण् ] 1.पतझड़ से संबंध हुआ, सींग वाला 2. धनुर्धारी, धनुष से सुसज्जित रखने वाला, शरत्कालीन (इस अर्थ में स्त्री०-शारदी -भट्टि०८।१२३ - :-हम् 1. धनुष 2. विष्णु का है)--विमलशारदचन्दिरचन्द्रिका--भामि० 11113, धनुष / सम-धन्वन् (पुं०), धरः, पाणिः,-धत् रघु० 109 2. वार्षिक 3. नया, नूतन 4. अनुभव- विष्णु के विशेषण / हीन, नौसिखिया 5. विनीत, शर्मीला, लज्जाल | शाङ्गिन् (पुं०) [शाङ्ग+इनि] 1. तीरंदाज़, धनुर्धारी 5. शंकालु, साहसहीन, -- : 1. वर्ष 2. शरत्कालीन 2. विष्णु का विशेषण-धर्मसंरक्षणार्थव प्रवृत्ति वि बीमारी 3. शरत्कालीन धूप 4. एक प्रकार का शाङ्गिणः-रघु० 15 / 4, 12170, मेघ०४६ / / लोबिया या उड़द 5. बकुल का वृक्ष, मौलसिरी,-दी शार्दूल: [श-+ऊलल दुक च] 1. व्याघ्र 2. चीता 3. राक्षस कार्तिक मास की पूर्णिमा,-दम् 1. अनाज, धान्य 4. एक पक्षी 5. (समास के अन्त में) प्रमुख या पूज्य 2. श्वेत कमल, दा 1. एक प्रकार की वीणा या पुरुष, अग्रणी-जैसा कि 'नरशार्दूल' में, तु० कुंजर। सारंगी 2. दुर्गा 3. सरस्वती।। सम० -चर्मन् (नपुं०) व्याघ्र की खाल,-विक्रीडितम् शारदिकः [ शरद्+ठ ] 1, शरत्कालीन रोग 2. शर- 1. चीते की क्रीड़ा--कन्दर्पोऽपि यमायते विरचयन् त्कालीन धूप या गर्मी, कम शरत्कालीन या वार्षिक शार्दूलविक्रीडितम् --गीत०४ 2. छन्द या वृत्त---दे० श्राद्ध / परि०१। शारदीय (वि.) [ शरद् छ ] शरत्कालीन, पतझड़ | शार्वर (वि०) (स्त्री०-री) [शर्वरी---अण्] 1. रात्रिसंबन्धी। कालीन-कु० 8 / 58 2. उपद्रवी, प्राणहर,---रम् अंधशारिः [श+इ ] 1. शतरंज का मोहरा, गोट 2. छोटी कार, धुप अंधेरा,-रो रात। गोल गेंद 3. एक प्रकार का पासा, रि (स्त्री०) | शाल (भ्वा० आ० शालते) 1. प्रशंसा करना, खुशामद 1. सारिका पक्षी, मैना 2. जालसाजी, चाल 3. हाथी करना 2. चमकना 3. पूरित होना-कि० 5.44 पर की झूल / सम०-पट्टः,-फलम्,-फलकः,-कम् शतरंज मल्लि० 4. कहना। खेलने की बिसात,। शालः [शल+घञ] 1.एक वृक्ष (बड़ा लंबा, और शानदार, शारिका [शारि+कन्+टाप् ] 1. एक पक्षी, मैना -रघु० 1138, शि० 3 / 40 2.वृक्ष, पेड़,-रघु०१।१३, 2. तन्त्रयुक्त वाद्ययन्त्रों को बजाने वाला गज 3. शत- वेणी० 4 / 3 3. बाड़ा, बाड़ 4. एक प्रकार की मछली रंज खेलना 4. शतरंज का मोहरा, गोटी। 5. राजा शालिवाहन / सम० -ग्रामः विष्णु भगवान् For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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