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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 998 ) NE (म्या होना, संकोच 12 डरना, स्वतः-भट्टि. शश्वरः [शक+वन्, र सांड, बैल, तु० शक्कर। आशंका, त्रास, आतंक-जातशङ्कर्मेनका नामाशह (भ्वा० आ० शङ्कते, शश्रित) 1. संदेह करना, अनि प्सरा: प्रेषिता - श० 1, कैकेयीशंकयेवाह--रघु० श्चित होना, संकोच करना, संदिग्ध होना - शके 1212, 13 / 42, मेघ० 69 5. आशा, प्रत्याशा जीवति वा न वा--राम 2. डरना, भय होना, प्रस्त 6. (भ्रान्त) विश्वास, आशंका, (मिथ्या) धारणाहोना (अपा० के साथ)-नाशङ्किष्ट विवस्वत:-भट्टि० स्रजमपि शिरस्यन्धः क्षिप्तां धुनोत्यहिशङ्कया-श० १५।३९-अशङ्कितेभ्यः शङ्केत शङ्कितेभ्यश्च सर्वतः 7 / 24, कुर्वन् वधूजनमनःसु शशाङ्कशङ्काम्-कि० -सुभा. 3. शंका करना, अविश्वास करना, भरोसा न 542, हरिततृणोद्गमशङ्कया- 5 / 38 / / करना-स्वर्दोषैर्भवति हि शङ्कितो मनुष्यः -- मृच्छ० / शान्ति (भू० क० कृ०)[शक+क्त] 1. सन्दिग्ध, आशंका४।२ 4. सोचना, विश्वास करना, उत्प्रेक्षा करना, युक्त, त्रस्त 2. शंकाल, आशंका करने वाला, अविकल्पना करना, संभव समझना, शंका करना, डरना श्वासपूर्ण 3. अनिश्चित, संदिग्ध 4. भयपूर्ण, सशंक, -- त्वय्यासन्ने नयनमुपरिस्पन्दि शङ्के मृगाक्ष्याः-मेघ० आतंकित (दे० शङ्क)। सम-चित्त,-मनस् (वि.) 95, नाहं पुनस्तथा त्वयि यथा हि मां शङ्कसे भीरु | भीरु, कातरहृदय 2. शंकाकुल, अविश्वासपूर्ण -- विक्रम० 3 / 14, भट्टि० 326, नै० 22 / 42 5. 3. संदिग्ध। आक्षेप करना, अपनी शंका या ऐतराज उठाना शनि (वि.)[शद्वा+इनि ] सन्देह करने वाला, शंका -अत्रेदं शक्यते, (बहुधा विवादास्पद भाषा में प्रयुक्त) करने वाला, डरने वाला, विश्वास करने वाला (समास -न च ब्रह्मणः प्रमाणान्तरगम्यत्वं शङ्कितुं शक्यम् के अंत में)-- त्वदुपावर्तनशङ्कि मे मन:-- रघु०८।५३, ---सर्व०, अभि , 1. शंका करना 2. संदिग्ध या अतिस्नेहः पापशडी श०४। अनिश्चयी होना-मनु० 6166, आ-, शङ्का करना, शकः शिडक--उण] 1.नेजा, बी,नकीली कील, शक्ति, भरोसा न करना, संदेह रखना - भट्टि० 2111 2. कटार, (प्रायः समास के अन्त में)-शोकशकुः 'शोकसन्देह करना, विश्वास करना, सोचना-आयशसे रूपी कटार' अर्थात् तीक्ष्ण एवं हृदयविदारक शोक यदग्नि तदिदं स्पर्शक्षम रलम-श० 1128, शि० 3172 -उत्तर० 3 / 35, रघु० 8 / 93 2. खूटा, खम्बा, भट्टि०६।६ मनु०७११८५ 3. डरना, आशंका करना, स्तम्भ, शूल या नोकदार छड़ 3. कील, मेख, खूटी भरतागमनं पुनः आशक्य-रघु०१२।२४, पंच० 113, - रघु०१२।९५ 4. बाण की तीखी नोक, काँटा या 92 4. आक्षेप करना, संदेह करना अत एव न आँकड़ा 5. (कटे हुए वृक्ष का) तना, पेड़ काट्छ, ब्रह्मशब्दस्य जात्याद्यर्थान्तरमाशङ्कितव्यम् - शारी. मुंडा पेड़ 6. घड़ी की सूई 7. बारह अंगुल की माप (तथा कुछ अन्य स्थानों पर), परि--1. शंका करना, 8. गज, मापने का डंडा 9. (ज्यो० में) लंबरेखा या विश्वास करना, उत्प्रेक्षा करना -- पत्रेऽपि संचारिणि ऊँचाई 10. सौ खरब या एक नील की संख्या प्राप्तं त्वां परिशकते--गीत०६ 2. संदेह करना, 11. पत्तों के रेशे 12. वल्मीक, बमी 13. पुरुष की संदेहशील होना 3. डरना, भयभीत होना, - रघु० जननेन्द्रिय 14. एक प्रकार की मछली, तनुका 8178, वि., 1. शंका करना, डरना, संदेहशील 15. राक्षस 16. विष 17. पाप 18. जलचर, विशेषया शंकालु होना,--विशङ्कसे भीरु यतोऽवधीरणाम कर कलहंस 19. शिव 20. साल का पेड़। सम० -- श० 3314, सतीमपि ज्ञातिकुलकसंश्रयां जनोऽन्यथा - कर्ण (वि०) जिसके कान शंकू के समान लंबे और भर्तृमती विशङ्कते-- 5.17 2. सत्ता का चिन्तन नुकीले हों, (णः) गधा-तरुः वृक्षः साल का पेड़ / करना, उत्प्रेक्षा करना, कल्पना करना विशकमाना शकुला [शक्+ उलच ] 1. एक प्रकार का चाकू या दो रमितं कयाऽपि जनार्दनं दृष्टवदेतदाह-गीत०७।। धार वाला नश्तर 2. सरौता। सम..-खंडः सरोते शङ्कः [ शङक-+अच् ] कर्षक बैल, (गाड़ी) खींचने से काटा हुआ टुकड़ा। वाला बैल / शब-खम् [शम्+ख ] 1. शंख, घोंघा--न श्वेतभावशङ्कर (वि०) (स्त्री० -- रा,-री) [शं सुखं करोति मुज्झति शङ्कः शिखिभुक्तमुक्तोऽपि., पंच०४।११०, . -कृ+अच् ] आनन्द या समृद्धि देने वाला, शुभ, शङ्खान् दध्मः पृथक पृथक्-भग० 1118 2. मस्तक मङ्गलमय,-र: 1. शिव 2. विख्यात आचार्य और की हड्डी, कु०७३३ 3. कनपटी की हड्डी 4. हाथी ग्रन्थप्रीता शंकराचार्य- दे० परि०२, री 1. शिव के दोनों दांतों के बीच का भाग 5. दस नील की की पत्नी पार्वती 2. मंजिष्ठा, मजीठ 3. शमीवृक्ष / संख्या 6. सैनिक ढोल या मारूबाजा 7. एक प्रकार शाका [शक+अ+टाप् ] 1: संदेह, अनिश्चितता का गन्धद्रव्य, नखी 8. कुबेर की नवनिधियों में 2. संकल्प-विकल्प, दुविधा 3. आशंका, अविश्वास, से एक 9. एक राक्षस जिसको विष्णु ने मार अनिष्टशंका, अपायशंका, अरिष्टशंका आदि 4. हर, / डाला था 10. एक स्मृतिकार (लिखित' के साथ For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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