________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार- न्यामुद्हेत्तदास्याःपित्रोःराधिकंगवांशतंदवोद्हेत् // एतेनपुत्रिकादोषान्मुच्य भास्कर, // 269 ते // ग्रामवचनंचाबविवाहेकुर्यात् // स्मशानेच // विवाहस्मशानयोग्राम प्रमाण मितिश्रुतेः // ग्रामशब्देनस्वकुलवृद्धा स्त्रियोभिधीयते // ताश्चपूर्वपुरुषैरनुष्ठीयमानं / सदाचारंस्मरंति // विवाहादारभ्यत्रिरात्रमक्षारालवणाशिनौस्यातां // जाया / पतीअधःशयीयातांत्रिरात्रमेव // अधःशब्दःखवाव्युदासार्थोनतुआस्तरणव्युदासा अर्थः // संवत्सरनमिथुनमुपेयातांद्वादशरात्रंवाषड्रात्रंवात्रिरात्रवेति // मिथुनकरणेश त्यपेक्षयाएतेविकल्पाः / / संवत्सरादिपक्षाशक्तौत्रिरात्रपक्षेप्याश्रियमाणेचतुर्युत्तरी रकालंपंचम्यारात्रावभिगमनंकर्तव्यं / कुत एतत् // चतुर्थीकर्मण्यकृतभातिमे वनाद्यापिसंदृत्तंतस्याविवाहैकदेशवाचतुर्थीकर्मणः // इतिसंस्कारभास्करेविवाह SP // 269 // दिनकृत्यप्रयोगः // // अथऐरणीप्रदानं॥ // तच्चआचारप्राप्तविवाहाच्चतुर्थदिने POPUPPOOG GOOOOOOORBA00000 For Private and Personal Use Only