________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir CORPORORUROPOOR चंधनप्रक्षेपः॥ // तूष्णींपाणीप्रतप्यूवक्ष्यमाणैः सप्तभिमत्रैःप्रतिमंत्रमुखविमार्जनं // ॐ तनूपा तन्वंमे० // ॐ आयुर्दा स्यायुः // ॐ वक़दा० वर्ची० // ॐ अग्नेय / न्मे० // ॐ मेधांमेदेवः // ॐ मेधामेदेवी० // ॐ मेधामश्वि०॥इत्येतैर्मुखमार्जनं // अवशिष्ट्राचारः // ॐ अंगानिचम इतिमंत्रणप्रतप्तपाणिभ्यांशिरःप्रभृतिपादपर्य तानिसर्वाण्यंगान्यालभते॥ ततोदक्षिणहस्ताग्रेण॥ॐ वाकमआ० इतिमुखालंभन / ॐ प्राणश्व इतिनासारंध्रेयुग०॥ॐ चक्षुश्च चक्षुषीयु०॥ ॐ श्रोत्रंच० इ० श्रोत्रेच. इ.श्रोत्रेयुः // ॐ यशोवलंच // इतिबाव्होरुपस्पर्शनं // ततव्यायुषाणिकरोति // अनामिकयाभस्मगृहीत्वाभस्मनाललाटेग्रीवायांदक्षिणेसेहदिच॥ त्र्यायुषमिति, प्रतिमंत्रं // ॐ त्र्यायुषंजमदग्नेल० // 1 // इतिमंत्रस्यप्रतिपादेन // ततोगोत्रनाम / पूर्वकंवैश्वानरादीनामभिवादनं // ततआचार्यःपरिश्रितस्योत्तरतोष्टानामुदकुंभानां लिमWARA For Private and Personal Use Only