________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5193 संस्कार-२॥ इदंसू० // ॐ त्वन्नौअग्ने इदमग्नीव०॥ ॐ सत्वन्नौअग्ने इदमनीव०॥ ॐ अया। भास्कर. |श्चाग्ने० इद म०अ० // येतेशतं० इदं व० स० वि० // ॐ उत्तम०॥इ० व दित्या०॥ ॐप्रजाप० इदं प्र० // ॐ अग्नयेस्विष्टकृ. इद म स्वि०॥ततःसंस्रवप्राशनादिप्रणी ताविमोकांतंहोमशेषसमाप्य // ततः परिसमूहनादित्र्यायुषकरणांतंसमिदाधानंब मचारीकरोति ॥आचार्यस्योत्तरतउपविश्य // दक्षिणहस्तेनाग्नेः संधुक्षणप्रक्षेपःव / साक्ष्यमाणमंत्रैःपंचभिः॥ॐअग्नेसु० // ॐ यथावमग्ने० // ॐ एवंमा०॥ॐ यथाव शम०॥ॐ एवमहंमः // इत्यतैः पंचभिमैत्रैःप्रतिमंत्रमिंधनप्रक्षेपः॥ प्रदक्षिणमग्निंपर्यु क्ष्योत्तिष्ठन्त्समिधआदधाति // ॐ अग्नयेस. // 1 // इतिमंत्रेणप्रथमसमिधमादधा // 193 // ति // अनेनैवमंत्रणद्वितीयांतथातृतीयां // उपविश्यपुनः // अनेसुश्रवेत्यारभ्यपं / ARB0-000000000 For Private and Personal Use Only