________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार 000000000000000000000 आर्दा // विष्णुःश्रवणं // अदितिःपुनर्वसुः // एषामसंभवेसारसमुच्चये // मघाग्य भास्कर. विशाखेंद्रयांम्यहित्वाचवारुणं // व्रतेशस्तानिसर्वेषांचेवेदोक्तंनलभ्यतइति // आग्ने यंकृत्तिका // ऐंद्रज्येष्ठा // याम्यंभरणी // वारुणंशततारका // तत्रापिपुन्नक्षत्राण्य है। तिप्रशस्तानि // विशेषेणपुन्नामधेयइतिगृह्योक्तेः // तानितुप्रागेवोक्तानि // यस्तु // ताराचंद्रानुकूले ग्रहाब्देषुशुभेष्वपि॥ पुनर्वसौचोपनीतःपुनःसंस्कारमऽहंतीतिराज मार्तडवचनेपुनर्वसुनिषेधःसज्योतिर्विदप्रसिद्धवसिष्ठादिसंहितास्वदर्शनात् // हेमा / द्रयादिमहानिबंधेषुपुनर्वसुविधेरेवप्रतीते दाक्षिणात्यसकलशिष्टानांपुनर्बसावुपनय नानुष्ठानाचरणस्योपलंभावनिर्मूलः॥ समूलत्वेपिनयजुर्वेद्यथववेदिविषयः अनंतरे / दाहृतज्योतिर्निबंधवचनेयजुर्वेद्यथर्ववेदिनांतस्यविहितत्वात् // योगेषुव्यवस्थामाह // 153 // श्रीपतिः।सवैधृतिस्तुव्यतिपातनामासोप्यनिष्ट परिघस्यचाध॥ तिस्रस्तुयोगेप्रथ। AGROACROACAAOOROGRAO For Private and Personal Use Only