________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार- दैत्याश्चाप्सरसांगणाः // 7 // अस्त्राणिसर्वशस्त्राणिराजानोवाहनानिच॥औषधा भास्कर. // 964 निचरत्नानिकालस्यावयवाश्चये // 8 // सरितःसागराःशैलास्तीर्थानिजलदानदाः॥ एतेवामभिषिचंतुसर्वकामार्थसिद्धये // 9 // सर्वेषांवा०॥४९॥ अमृताभिषेको / स्तु // एवमभिषेकानंतरंसर्वोषधीरनुलिप्यशुद्धोदकेनस्नात्वाउभयोःस्नानवस्त्रत्या: गः॥ वस्त्राण्याचार्यायदयात् // शुक्लमाल्यांबरधरोधृतमंगलतिलकः सपत्नीको / यजमानः वासनेउपविश्याचम्याज्यावलोकनंकुर्यात्॥ ॐ रूपैर्णवोरूपमभ्यागा। हन्तुथोवौविश्ववेदाविभजतु // ऋतस्यपथाप्रेतचन्द्रदक्षिणाविस्वल्पश्यव्यन्त / रिक्षुन्यतस्वसदस्यैः // 1 // रूपठरूपम्प्रतिरूपोवुभूवतदस्यरूपंप्प्रतिचक्षणा / ___ 1 टीप-सानवस्त्रमाचार्या यदद्यादितिमदनरने // Cooooooooo For Private and Personal Use Only