________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SROGeo धपादं० // 44 // आश्वत्थं० // 15 // यद्देवकुल्पा हो० // 46 // द्यौःशांतिरन्त / रि०॥४७॥ यतायत स० // 48 // // अथपुराणोक्तमंत्राः॥ // सुरास्वामभिषि / |चंतुब्रह्मविष्णुमहेश्वराः // वासुदेवोजगन्नाथस्तथासंकर्षणोविभुः // 1 // प्रद्युम्नश्चा निरुद्धश्चभवन्तुविजयायते // आखंडलोग्निर्भगवान्यमोवैनैर्ऋतस्तथा // 2 // वरुणः पवनश्चैवधनाध्यक्षस्तथाशिवः // ब्रह्मणासहिताः सर्वेदिक्पालाःपांततेसदा // 3 // शकीर्तिर्लक्ष्मीतिर्मेधापुष्टिःश्रद्धाक्रियामतिः॥ बुद्धिल जावपुः शांतिस्तुष्टिःकांतिस्तु / मातरः // 4 // एतास्त्वामभिषिचंतुदेवपत्न्यः समागताः // आदित्यश्चंद्रमाभौम / बुधजीवसितार्कजाः॥५॥ग्रहास्वामभिषिचंतुराहु केतुश्वतर्पिताः // देवदानवगंध / यक्षराक्षसपन्नगाः॥६॥ऋषयोमानवागावोदेवमातरएवच ॥देवपत्न्योर्द्धमानागा For Private and Personal Use Only