________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार- ब्रह्मन् इ० ब्रह्मणेन ब्रह्माणंआ०॥ ततोविनायकादिपंचदेवताः वास्तोष्पतिक्षेत्र | भास्कर. // 70 // पालंचावाहयेत् // // ॐगणानान्त्वा० // 1 // राहोरुत्तरतः ॐभू० गणपतेइ / / हा. ग. इ० गणपतिआ०॥ ॐअम्बेअम्बिके० // 2 // शनेरुत्तरतः ॐ भू• दुर्गे० इ० इह दुर्गा दुर्गा // ॐ आनौनियुद्भिःशुतिनीभिरध्वुरठ सहस्रिणीभिरुपया / |हियज्ञम् // वायोऽअस्मिन्त्स्वर्वनेमादयस्वय॒यम्पातखुस्तिभिल्सदान॥३॥रवेरुत्तर / / तः ॐभू वायोइहा. वायवेन वायुंआ०॥ॐ घृतघृतपावानरूपिबतुवसाम्बसापा है। वानपिवतान्तरिक्षस्यहविरसिवाहा // दिशदिशऽआदिशौविदिशऽउदिशौदि / 1 विनायकायाः पंचउत्तरे स्थाप्या इति सांप्रदायिकेतिशांतिमयूखे // For Private and Personal Use Only