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( ३ )
१५ १६ क्षमा की प्रादुर्भूति क्षमा की अप्रादुर्भूति
१५ १७ कैसे व्यक्त है
कैसे व्यक्त हो । तत्वज्ञान, सो तो ये पत्र विद्वत्ता,
१५ १९ तो तत्वज्ञान सोतो १७५ ये विद्वत्ता,
१७ १४ कहा है ।
१८ १५ निवृत्ति
१८ २० इसके विना स्याद्वाद इसके विना, स्याद्वाद
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२३ १ वह
२३ २ हो जाते है ?
२३ ३ अध्यवसान में
२३ ११ क्षीणता यदि २३ २० ज्ञान जाने
१९ १० तावदेव
२१ ११ त्याग ही श्रेयोमार्ग
२२ १८ सत्ता परमार्थ की परमार्थ तत्व की
२४ १४ अतः अब तमो २६ ५ दुःखसीद
२८ ११ गर्दा करता, २८ १३ तभी संबंध हो ।
२९९ सूर
२९ १८ ततः इतो
कहा हैप्रवृत्ति
भावयेद्
त्याग है वहां श्रेयो मार्ग
वे
हो जाते हैं ?
अध्यवसान द्वारा क्षीणता यद्यपि ज्ञानी जाने ।
अतः अब दीपसे तमो
दुःखसीर
गर्हा करता है । संबंध न भी हो ।
शूर
तत इतो
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