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॥ ॐ ॥
ऋषि मंडल
स्तोत्र - मंत्र - महिमा
ऋषि मंडळ स्तोत्र की महिमा पारावार है। श्रद्धावान मनुष्य इस स्तोत्र का पाठ बहुत प्रेमसे करता है । मुख्यतया इस स्तोत्र में " ही " का ध्यान आता है, और "हाँ " में चौबीस जिनेश्वर भगवान की स्थापना बताकर ध्यान करना बताया है, जिसका विवरण स्तोत्र के भावार्थ से स्पष्ट सिद्ध sa है ।
इस स्तोत्र की रचना के बाबत इस स्तोत्र के गुनचासवें श्लोक से सिद्ध होता है कि इस स्तोत्र के प्रणेता श्री तीर्थङ्कर भगवान हैं, और इस की सङ्कलना गणधर गौतम स्वामी महाराजने की है ।
इस स्तोत्र के भावार्थ में ही मूल मंत्र गर्भित निकलता है, और इस स्तोत्र की आम्ना याने विधि भी भावार्थ से निकलती है । इस स्तोत्र में मंत्राक्षर, बीजाक्षर, भरे हुवे हैं, जिनको ठीक तरह समझ कर इस स्तोत्र का नित्य पाठ किया जाय व मंत्र का ध्यान किया जाय तो अवश्य फलदाई होता
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