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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टि. ३ इम माथ्य में तीन मुखतलिफ माथे पामिल हैं उनमें से पहली साध्य सत्ताईसवीं माथ का विलोस है और दूसरी और तीमारी साध्यप्रवाई नवौं साध्य के पहले और दूसरे हिरहों का विलोम है अभ्यास (६५ ) जो रेखा समद्विबाहु त्रिभुज के ग्राबार की समानान्तर होगी वह भुजों के साथ बराबर कोन वनावेगी (६६ ) अ और ब दो रेखा अलग २ स और द दो रेखायों को समाना न्तर हैं यानी असमानान्तर स की गौर व समानान्तर द की हो तो सावित करो कि जो भकाव का द के साथ है बराबर होगा उग्र भयान के जो ब को स के साथ है (0) अगर एक त्रिभज के भज दूसरे चिमाज के अजी के अलग २ गान नान्तर हैं तो एक त्रिभुज के कोने दूसरे विभाग के कोहों के उजागर कराकर होंगे (८) अगर दो कोन आपस में बराबर हों और उनकी एकज आपस में समानान्तर हों तो एक कोन की गरी भज गरे कोन की टूनरी मज को समानान्तर होगी (६८ ) अगर असद और ब स द लासन कोनों के समय और काफ देखा दो दो बराबर हिसे करें और य फरेखा जो अब रेखा की समानान्तर खींची जाब और स द को जसिंदु पर काटे तो साबित करो कि यज बरावर हेज फ ो ( ७० ) एक सीधी रेखा के सिरे दो समानान्तर सीधी रेखायों पर हैं उत्त रेखा के बीचों बीच के बिंदु से एक ऐसी सीधी रेखा खींची. गधी कि उसके सिरे उन दो समानान्तर रेखागों पर पड़ते हैं तो साबित करो कि उस सीधी रेखा के भी उस सिंदु पर दो बराबर हिस्से होते हैं (७१) अधर विसी निंद से जो दो समानान्तर रेखाओं से वायर दूरी गरहे दो रेखा उन ससानान्तर नलाओं को काटती हई खीची जावं लो समानान्तर रेखायों को हिरम जो उन रजा को दर्मियान होंगे व्यापल में बराबर होंगे ( २ ) अगर योधी रेखा जो एक त्रिभुज के शीर्ष बहिःकोन के दो बरा. वर हिरहे करती है उस चिमाज के आधार के समानान्तर भी है तोसाभित कारो शिवह त्रिभुज समविवाहु है ( ७३ ) अ बस त्रिभुज को ब अ स कोव के अ द रेखा दो बराबर हिस करती जौर बस से द बिंदु पर मिलती है दय और दफ समानान्तर हैं असमोरचना की रान और बस से य और फ मिंद परखिमाती है लाबित करीदय और दफ वापस में बराबर For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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