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तो चंकि य फ बराबर बस के है फ बिंदु स बिंदु पर पड़ेगा और चंकि फ यद कोन स ब अं कोन के बराबर है इसलिये य द भुन ब अ पर पड़ेगी और इसलिये द बिंदु या तो बप पर पड़ेगा या उसकी सीध में पड़ेगा फिर चूंकि य फ द कोन बराबर है बस अ कोन के इस लिये फ द भुज स अपर पड़ गीग्रौर इसलिये द बिंदु या तो स अ पर पड़ेगा या उसकी सीध में पड़ेगा लेकिन साबित होचुका है कि द विंदु या तोब अ पर पड़ेगा या उसकी सीध में पड़ेगा इसलिये दविंदुअ बिंदु पर जो ब अ और स अ दोनों में उभयनिय है पड़ेगा इसलिये य द और ब अापस में एक दूसरी को पूरा २ कलेंगी और इसलिये ग्रापस में बराबर होंगी और फ द और स अ एक दूसरी को पूरा २ छकलेंगी और इसलिये आपस में बराबर होंगी और य द फ और ब अ स कोन एक दूसरे को पूरा २ ८कलेंगे और इसलिये अापस में बराबर होगे (दसरी सूरत) अगर द य फ त्रिभुज अब स त्रिभज पर इस तरह रक्खा जाय कि द बिंदु अ बिंदु पर और द य भुज अब भुज पर हो तो चंकि द य बराबर अ ब के है इसलिये य बिंदु ब बिदु पर पड़ेगा और चूंकि कोन द य फ बराबर है कोन अब स के इसलिये भुज य फ भुज बस पर पड़ेगी और विंदु फ भी बिंदु स पर पड़ेगा क्योंकि अगर भुज य फ भुज ब स पर हो लेकिन फ विंदु स बिंदु पर न पड़े तो फर्ज करोकि कि फ विंदु ह बिंदु की जगह पर ब और स के दर्मियान पड़ता है अ ह मिलायो (अवा० १) चूंकि अ हब कोन बराबर है द फ य कोन के और द फ य कोन बराबर है अ स ब कोन के इसलिये अह ब कोन बरावर है अ स ब कोन के यानी बहिःकोन अपने सासने के अन्तःकोन के बराबर है और यह नामुमकिन है (सा० १६ ) इसलिथे फ बिंदु ह बिंदु पर यानी ब और स के दर्मियान नहीं पड़ता है इसी तरह यह भी साबित होसक्ता है कि फ बिंदु ब स भज के बाद हुए हिस्से पर भी नहीं पड़ सकता है इसलिये फ ठीक स पर पड़ेगा और इमलिये बस बराबर है य फ के इसलिये अस आधार वराबर है द फ आधार के और ब अस कोन य द फ कोन के बराबर है . टि. २ चौघी साध्य के तीसरे ठिप्पन में बयान हुआहै कि हर त्रिभुज में छः राशि होती हैं और अगर इन छः राशियों में से कोई तीन दी हुई हों तो सिवाय पहली और चौथी सूरत के और सूरतों में बाकी तीन रा
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