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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३७) द अमिलायो इसकी तीन मरते हैं पहली मूरत यह है कि द अग्राधार य फ को द और फ के भूमि यान काटता है चूंकि अ य द त्रिभुज में अ य भुज द य भुज के बराबर है , इसलिये य द अ कोन य अद कोन के बराबर है सा०५ ॥ और चंकि अफ द त्रिभुज में अफ भुज द फ मुज के क बराबर है इसलिये फ अकोन फ अदकोन के बराबरहै ना.५ / लेकिन साबित हो चुका है कि य द अ.कोन य अद कोन अं. के बराबर है इमलिये कुल य द फकोन कुजय अफ कोन के बराबर है स्व० २ लेकिन यसफ कोन ब अस कोन है इसलिये बस कोन बद फ कान के बराबर है दसरो सरत यह है कि द अग्राधार य फको न काटे चंकि अयद त्रिभुज में अय भुज द य मज के बराबर है इसलिये यद अ कोन यअद कान के बराबर है सा.५ __ और कि अफ द त्रिभज में अफसन द फ भज के बराबर है इसलिये फ द अकोन फअद कोन के बरा सा०५ लेकिन साबित होचुका है कि कुल य द अकोन कुल य अद कोन के बराबर है और इसके हिस्से फ द न योर फ अद यापस में बराबर हैं इललिये बाकी हिस्सा य द फ बराबर है बाकी हिस्सा य अफ के स्व०३ लेकिन य अफ कोन ब अस कोन है इसलिये ब अस कोन य द फकोन के बराबर है तीसरी मरत यह है कि द अ अाधार यफ के किसी एक मिरे पर होकर जाता है चंकि अ य द त्रिभुज में द य बराबर है अ य के इसलिये य अफे कोन बराबर है य द फ कोन के मा०५ य -क लेकिन य अफ कोन ब अस कोन है इसलिये ब अस कोन बराबर है य द फ कोन के । टि. (२) यह माध्य पहले अध्याय की चौथी साध्य का विलोम है जब किमी प्रमेयोपपाय साध्य में कई बातें फर्ज की हुई हों और उनका एक नतीजा हो अगर कोई दूसरी साध्य ऐसी बनाई जावे कि पहली माय की फर्ज़ को हुई बातों में से एक बात हम साध्य का नतीजा हो और पहलौ साध्य का नतीजा मय बाकी फ़ज़ की हुई बातों के इम माध्य में फन की हुई बातें हों तो ऐसी दो साध्यों को भी एक दूसरी का बिलोम कहते हैं और इसी सूरत में अाठवौं और चौथी साध्य एक दूसरी का बिलोम हैं जैसा कि इन माध्यों को इस तरह पर क्यान करने से साफ मालूम होता है For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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