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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नम्बर साध्य २५ व २६ प्रतिलोम म १ पमिती म समानान्तर चतुर्भुज की गुजों कानों और घरातलों के आपस के तथा ३ 49 विलो बगर किसी चतु की घास सावाने अनुमान £3 www.kobatirth.org p জ कल्पित अर्थ अगर बाबर कमाना तर चतुर्भुज राही सामान्तर रेखा के दर्मिती कदव्याय की गली ना कोन बरावरही बागर किसी पत्न न का वी घरात कार्य उन दीड अ अ पदावरही 3 सागर किमी चलाउज समानान्तर चतुर्भुज lai सवर ही करे अगर कोई क्षेत्र बान्तर चतुम, गो कमर सजानान्तर प तस का एक कीन नमकीन है अगर समानान्तर भा २यचाव क व्यगर कोई वीवी फल यह ममानान्तर चतुर्भु'न या तो ही व्याधार पर या बरावर व्याधारों पर होंगे से हिंसा में बढी से Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घगरकोई सीधी रे से में नी वह चतुर्भुज समानान्तर चतुम, प होगा राम की कहाि से चीर पवार चमन है आयतों का जो सीधी रेखा चीर चतुर्भुज रामाराकर चतुर्भु $171 उसकी सामने नामने की गण आपक कर होगी और उसके शामने शासन के की भी बराबर फोये चीन उनका हर कम उसके दो बरस का समय को कीन हो उनके बराबर क्षत्रि 11 से बनते कुल सीधी रेखा और उनके परएक सिर्फ के मिलकर बराबर है सौंधी या परके भात गीधी रेखा और उनके एव हि का परामर For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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