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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २०३ ) प्रब लोक उसी तरह जैसाकि पहले अध्याय की संतालीसवीं सदी में सापित हुया है साबित हो सक्ता है कि त्रिभुज बफ स, ब अ ज और अ ब क क्रम से बराबर हैं त्रिभुज ह स अ, म अ स और ल ब स के इसलिये आयत सर, र अ और ब च क्रम से बराबर हैं अायत सच, बन और ब न के (१-मा० ४१ व स्वा०)सलिये सर और न अदिल कर यानी कुल स ज बराबर है स च और अन के योग के और ब च और बन मिलकर टूने हैं बच के इसलिये स ज छोटा है स क और अल के योग से बक़दर यायत ब च क दृने को लेकिन स ज, स क और अल क्रम से डास, स ब और ब अ पर के वर्ग हैं और ब च धरातल बस-बद है क्योंकि वस बराबर है ब क के इसलिये अस पर का वर्ग अ य और बस पर क वगो के योग से बकदा दूने धरातल बस और सदक छोटा है टि. २ बारहवीं और तरहवीं साध्यों के दावे एकही दावे में इस तरह बयान होते हैं कि त्रिभुज की एक भुज परका वर्ग और दोनों भुजों परके बों के योग का अन्तर बराबर है उस धरातल की दूने के जो इन दो भुगों में से किसी भुज और उस रेखा से बनता है जो बीच उस कोन जिसके गिर्द वह दोनों भुज है और लब के है जो उस भुजा पर उसके सामने के कोन से डाला गया है टि० ३ इस अध्याय की बारहवीं और तेरहवीं साध्य और पहले अध्याय की संतालीसवीं साध्य क्रम से अधिक कोन त्रिभुज न्यू नकोन त्रिभुम गौर समकोन त्रिभुजों की भुजों के ग्रायस के सम्बन्ध बयान और माबित करती हैं पहले व्यध्याय की सैंतालीसवीं साध्य का प्रतिलोम उक्त दस ने उसी अध्याय की अड़तालीसवीं साध्य में साबित किया है लेकिन दूसरे अधयाय की बारहवीं और तेरहवीं साधा के प्रतिलोम उक्त रस ने नहीं मावित किये है वह यह हैं कि “अगर त्रिभुज की किसी भज पर का वर्ग उस्त की बाकी भुजों पर के वर्षों से बड़ा हो तो उस भुज के सामने का कोग अधिक कोन होगा ध्यौर अगर त्रिभुज की किसी भुज पर का वर्ग बाकी मुजों पर के वर्षों से छोटा हो तो उस भुज के सामने का कोन न्यू नकोन होगा" इस प्रतिलोम का वह सुबूत है ___ फर्ज करो कि अब स त्रिभुज में अगर अब पर का वर्ग अस और सब पर के वर्गों से बड़ा है तो अस ब व्यधिक कोन है और व्यगर छोटा है तो अ स ब न्य नकोन है स से स द रेखा सब के माय समकोन बनाती हुई खाँचो (१- सा. १२) For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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