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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २०० ) अब ठीक उसी तरह जैसा कि पहले अधयाय की सैंतालीसवीं साधा मैं साबित हुआ है साबित होसक्ता है कि त्रिभुज असफ बराबर है त्रिभुज अहब के और त्रिभुज स ब ज बराबर है त्रिभुज सबअ के और त्रिभुम ल स अ बराबर है त्रिभुज बस क के इसलिये अायत अर बराबर है अायत अच के और यायत बर बराबर है यायत बन के और अायत सच बराबर है अायत सन के ( १-सा०४१ वख० ६) इसलिये अज बराबर है अच और बन के योग के लेकिन अज वर्ग अब परका है और अच और ब न मिलकर बराबर हैं अक और बल वर्गों के यौर ग्रायत सन और स च के योग के जो अस और बस परके वर्ग और दूने धरातल बस और सद हैं इसलिये अब परका वर्ग अस और ब स परके बों से बक़दर दूने धरातल बस, स द के जियादा है अनुमान- अगर लम्ब अ और ब कोनों से सामने के भुजों पर डाले जांय और उन भुजों से द और य विदुयों पर मिले तो धरातल अस. स य बराबर है धरातल ब स,स द के बीजगणितीय साधन फर्ज करो कि ब स, स अ और अब लम्बाई में क्रम से अ,ब और स पैमाने हैं और स द और द अ लम्बाई में म और न पैमाने हैं तो ब द लम्बाई में (अ+म) पैमाने है इसलिये स=(अ+म+न क्योंकि अब द समकोन त्रिभुज है और बम+न क्योंकि अ स द समकोन त्रिभुन है इसलिये सव= (अ+म)म =अ+२xxम+म-म =अ+२xxम इसलिये स=अ+ब+२xxम यानी स बड़ा है अ+ब से बक्रदर २४ म के अभ्यास (४०) अगर किसी त्रिभुज का अ स ब अधिक कोन समत्रिबाहु त्रिभुज For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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