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(1) जो चीज़ एक हो चीज के (या बराबर चीज़ों के बराबर हों वह आपसमें भी बराबर होती हैं टि. वह स्वयं मिद्धि सब किस्म की राशियों से सम्बन्ध रखती है और यही यात स्वयं सिडि २,३,४,५,६,७ और पर सच्ची आती है लेकिन स्वयंसिद्धि ८,१०,११ और १२ सिर्फ रेखागणित की राशियों से सम्बन्ध रखती है
( २ ) अगर बराबर चीज़ों में ( या एक ही चीज़ में) बराबर२ जोड़ा जाय तो बाद जोड़ने के जो चीजें हासिल होगी वह मी मापसमें बराबर होंगी
(३) अगर बराबर चीज़ों में से (या एक चीज़ में से ) बराबर २ निकाल लिया जाय तो बाद निकालने के जो चीजें हासिल होंगी बह भो आपस में बराबर होंगी
(8) अगर नाबराबर चीज़ों में बराबर२ ज़ियादा किया जाय ती बाद ज़ियादा करने के जो चीजें हासिल होंगी वह भी ना बराबर होंगी
(५) अगर नाबराबरचीज़ों में से बराबर २ निकाल लिया जाय तो बाद निकालने के जो चीजें हासिल होंगो वह भी नाबराबर होंगी
(६) जो चीजें एक ही चीज़ की (या बराबर चौलों की ) द्वनी हों वह आपस में बराबर होती हैं
(७) जो चीजें एक ही चीज़ की (या बराबर चीज़ों की) आधी हों वह आपसमें बराबर होती हैं
(८) जो राशें एक दूसरी को ढक लेती हैं यानी एकही जगह घेरती हैं वह आपसमें बराबर होती हैं टि० ( १ ) इस के विलोम का इस्तेमाल भी यानी बराबर राशि जब एक दूसरी पर एक ही तौर पर रक्खी जायं तो एक दूसरी को एक लेती हैं उकलदस ने किया है
टि. (२) एक राशि पर दूसरी राशि को रखने को मरु लन् र क रेखा को ट्रमरी रेखा पर या एक कोन को दूसरे कोन पर या एक विभुज को दूसरे विभुज पर या एक वृत्त को दूसरे वृत्त घर बगर हर रखने को काकादग कहते हैं याच्छादन जो रेखागणित में इस्तेमाल हुल्या सिर्फ खथाली है यानी यह कि हम दिल में खयाल करते हैं कि एक राशि दूसरी राशि पर रक्खी गयी है और तब अगर हम साबित कर सकें कि वह राशि र क टूसरी को पूरा २ ८क लेती हैं यह नतीजा निकालते हैं कि वह राशि ग्रापस में बराबर हैं मसलन अगर दो सीधी रेखा एक दूसरी पर इस तरह रक्खी जाना खयाल करें कि एक के दोनों सिरे दूसरी के दोनों सिरों
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