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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १७५ ) इसलिये कुल अम बराबर है स म ज मापक के १-खा० २ लेकिन अम क्षेत्र अद और द ब का धरातल है क्योंकि दम बराबर है द ब के इसलिये स म ज मापक बराबर है अद और दब के धरातल के इन दोनों बराबरों में से हरएक में ल ज जो सब पर का वर्ग है मिलाया ___ इसलिये अद और द ब का धरातल और स ब पर का बर्ग मिलकर बराबर हैं समज मापक औरल ज के योग के १-ख. २ लेकिन स म ज मापक और ल ज क्षेत्र मिलकर स य फ द क्षेत्र जो स द पर का बर्ग है बनाते हैं __ इसलिये अद भौर दव का धरातल और सब पर का वर्ग मिल कर बराबर हैं स द पर के वर्ग के फल इसलिये अगर कोई सीधी रेखा आद्योपान्त-यही साबित करना था टि. १ छठी साध्य का दूसरा सुबूत यह है न अ स ब द अस को न तक बपायो और स द के बगबर स न बनाओ चंकि स न बराबर है स द के और स ब बराबर है अस के इसलिये कुल न ब बराबर है कुल अद के अब चूंकि न ब और ब द का धरातल और स ब पर का वलिव र बराबर हैं स द पर के वर्ग के (२- सा०५) और अदबावर न ब के साबित हो चुकी है इसलिये अद और द ब का धरातल और स ब पर का बलिकर बराबर हैं स द पर के वर्ग के टि. २ छठी साध्य के पहले सुबूत के देखने से मालूम होगा कि अह और द ब का धरातल बराबर है स म ज सापक के लेकिन स म ज मायक स फ ौर ल ज क्षेत्रों का जो स द और अ स पर के बर्ग हैं यंतर है अगर अस और स द 'जुदी २ रेखा खयाल की जाय तो अद रेखा अस यौर स द रेखाच्यों का योग है यौर द व उनका अंतर है और इसलिये यह अनुमान जो हम पांचवीं साध्य के टिप्पन में लिख चुके हैं इस छष्टी For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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