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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सय से न बिंदु घर और बफ से म बिंदु पर मिलती हुई खौंचो १-सा०३१ ___और असे अक समानान्तर स लया बम को और मलका वे क बिंदु पर मिलती हुई खौंचो १-सा०३१ उप-अब चूंकि सह पूरक बरावर है ह फ पूरक के १-सा.४३ इन दोनों बराबरों में से हरएक में दम मिलायो इसलिये कुल सम बराबर है कुल दफ के ९ख०२ लेकिन चूंकि अस बराबर है सब के फज इसलिये अल बराबर है स म के सा०३६ लेकिन सम बराबर द फ के साबित होचुका है इसलिये अल बराबर है टफ के इन दोनों बराबरों में से हरएक में सह मिलाओ इसलिये कुल अह बराबर है दफ और स ह के १-२०२ लेकिन अहक्षेत्र अद और दव का धरातल है क्योंकि वह बराबर है दब और द फ और सह मिजाने से समजमापक बना है इसलिये स म ज मापक बराबर है अद ओर दब के धरातल के इन दोनों बराबरों में से हरएक में बज जो सद परका वर्ग है (२ अध्या०४ सा० अनुमान ) मिलामो ___ इसलिये समजमापक और लअमिलदार वराबर हैं अद और दब के धरातल और सद पर को बर्ग के १ख०२ लेकिन समजमापक और लज मिलकर सब फब क्षेत्र को जोस व परका बर्ग है बनाते हैं For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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