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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स ( १६१ ) एक पैमाना धन है जिसकी हरएक सौंमा सम धरातल पैमाना धरातल है जेसे रेखायों के लिये एक फट लम्बा पैमाना मुकरर किया जाय तो एक वर्ग फुट धरातल के नापने के लिये और एक धन फट पिंड के नापने के लिये सकरर होगा फ़ज़ करो कि अब स द एक आयत क्षेत्र है जिसकी भुज अब पूरे २ चार पैमाने है और अद पूरे २ सात पैमाने है इसलिये अगर अब को चार बराबर हिस्सों में बांटें और अद को सात बराबर हिस्सों में बांटें और अब के भाग बिन्दुओं से अद की समानान्तर और अद के भाग बिन्दुओं से अ ब की समानाम्तर रेखा खींची जावें तो साफ जाहिर है कि व जितने हिस्से उस ग्रायत क्षेत्र के इन रेखायों के खींचने से होंगे उनमें से हरएक हिम्मा एक बर्ग पैमाना है और चंकि हर ग्रायत क्षेत्र का क्षेत्रफल जितने पैमाने उसमें होते हैं उनकी तादाद से दर्याफ़त होता है इसलिये अब स द ग्रायत क्षेत्रका क्षेत्रफल भी उन्हीं बगों की तादाद से जिनमें वह समानान्तर रेखायों के खींचने से बटगया है करार पावेगा जब हम देखते हैं कि पड़ी हुई रेखा जो अद के समानान्तर हैं बह अायत क्षेत्रको चार बराबर हिस्सों में बांटती हैं और खड़ी रेखा जो अब के समानान्तर हैं उन बराबर हिस्सों में से हरएक के सात बराबर हिस्से करती हैं तो कुल छोटे हिस्सों की तादाद सात का चौगुना लेने से यानी मात को चार गुना करने से मालूम होजायगी इमलिये किसी यायत क्षेत्र के बर्ग पैमानों की तादाद दयोफत करने के लिये हमें उन दो अंकों को यापस मेंगणा करना चाहिये जो उन पैमानों की तादाद जो ग्रायत को दोपास की भुजों में हैं जाहिर करते हैं जब धरातल बर्गक्षेत्र है तो उसकी सब भुजा व्यापस में बराबर हैं यानी हरएक भुजा में पैमाने की तादाद एकही है इसलिये उस बगक्षेत्र में वर्ग पैमानों की तादाद र्याफत करने के लिये उस अंक को जो उसकी एकभुज के पैमाने तम्बाई की तादाद को जाहिर करता है उसी ग्रंक से गुण दो और यही सबब है कि ग्रंकगणित में बर्ग का अर्थ उस गुणनफल का नाम है जो किमी ग्रंक को उसीसे गुणा करने से हासिल होता है लेकिन विद्यार्थी को याद रखना चाहिये कि रेखागणित में वर्ग का शब्द जिस अर्थ में बोला जाता है वह अर्थ अंकगणित या बीजगणित में नहीं लिया जाता वरनहरेखागणित में बर्ग उसे कहते हैं जो एक रेखा पर बनाया जाय और अंकगणित व बीजगणित में वर्ग उस गुणनफल का नाम है जो एक ग्रंक को उसी से गुण देने से हासिल होता है अगर व किसी वर्गक्षेत्र की किसी भन के पैमाने की संख्या को जाहिर करे तो ब का गुणनफल जब कि उसको उसी अंक से गुणा दिया जाता है यानी ब x ब या ब वर्गक्षेत्र के बर्ग पैमानों की तादाद को जाहिर करेगा और For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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