SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 123
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १२२ ) दस और योर बस को बिंदु य. फ, ज गौर अब ह पर व्याधा २ करो साबित करो कि जोर फ ह व्यापस में बराबर और समानांतर हैं た ( १५७) सीधी रेखा जो किमी समानान्तर चतुर्भुज के भुजों के बीचों बीच के बिंदुव्यों को मिलावें ऐसा समानान्तर चतुर्भुज बनावेंगी कि वह चतुर्भुज का व्याधा होगा ( १५८) किसी त्रिभुज की भुजों के बीचों बीच के बिंदु दिये हुए हैं उस त्रिभुज को बनाओ साध्य ४० प्रमेयोपपाद्य सा० मूत्र जो बरावर त्रिभुज बराबर आधारों पर जो एक हो सोध में है और उन आधारों पर एकही तरफ में हैं वह एक ही समानांतर रेखाओं के दर्मियान होते हैं वि० सूत्र फर्ज़ करो कि बराबर विभुज प्रबस और द य फ बराबर आधारोंब स ओर यफ पर जो एकही द सोध वफ में हैं और उन आधारों के एकही तरफ हैं तो यह विभुज एकही समानांतर रेखाओं के दर्मियान होंगे ०द मिलाओ तो पद समानांतर व फ की होगी अ ज य स य अगर द समानांतर फकी नही मुमकिन हो तोच्प्रज समानांतर व फकी और य दयावद के बढ़े हुए हिस्से को बिंदुज पर काटती हुई खींची औरज फमिलाओ For Private and Personal Use Only उप . चूंकि विभुजच्छा व स और ज य क बराबर आधारों बस ० और यफ पर और एकही समानांतर रेखाओं ज और फ के दर्मियान हैं इसलिये विभुज प्र व सबराबर है त्रिभुज जयफ के सा०३८
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy