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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६२मा२।०] 18 { દસ્ત ६२मारगढ- राजप्रासाद पु० शाहीवियु-सof० दिखाना सक्रि महल शित-वि० दिखाया हुआ वि. ६२मा२साइप-. रियासतका राजा - पत्ता पु०; फूलको पंखड़ी; सेना पु०; सिक्ख-धर्म के गुरु वाडी-पुं० इट पकानेवाला पु० १२मायो-धु वेतन पु० तनख्वाहास-पु. मध्यस्थ पु० दलाल ४२भियान-५० मध्य अ० दरमियान दृक्षित-वि० पतित; वि० अछूत २भियानागरी-स्त्री० दरमियानीली -स्त्री. प्रमाण पु. दलील ४२२१-24. प्रतिदिन अ० हमेशासा - पूंजी पु० दौलत ४२वाले- फाटक पु० दरवाजा -० वन पु०; दावानल; संताप १२वेश-पु. साधु पु. फकीर -स्त्री. औषधि स्त्री० दारू ६२।०-स्त्री० एक चर्म रोग पु० पामानु-न. औषधालय पु० दवाखाना हरिद-वि० गरीब; आलसी पात-पु. मसिपात्र पु० दावात हरिया-वि० समुद्री वि. पाती-पु. मुंशी पु० मुहरिर हरिया-श्री. विवेक पु० अक्ल हवा-2400 फीका पड़ना अ०कि. हरियारी-स्त्री० जानकारी स्त्री० दरियाफ्त ६५-० रावण पु० रिया-पु. समुद्र पु० ६स-पु. दशाब्दी स्त्री श-स्त्री. गुफा स्त्री० ६ दिशा-स्त्री. दसों दिशाएँ १२-(५० प्रस्मेक वि० सन- दाँत पु० हरो-५० चौकीदार, दारोगा शम-श्री. दशमीका दिन पु० १२।।- लुटेरों का हमला पु० शेरा-पुत्री. विजयदशमी श्री ६६-० जलन स्त्री०; प्रेमवेदना - दशहरा ६६२-५० दादुर पु० मेंढक -स्त्री. स्थिति स्त्री० हालत ६५-धु० गर्व पु. घमंड rain-१० दश अंगोंवाला वि. ४५-नआरसी स्त्री० शीशा शश-पु. दसवां हिस्सा पु. श-पु. दर्शन पु० शाहिश-10 सर्वत्र अ. सब जगह शनि-10 दर्शन पु० ६सत-पु. हस्ताक्षर पु० दस्तन्वत शनीय-वि० देखने योग्य त्रि सुन्दर रत- दाथ पु० दस्त; सत्ता; अधिःशनिद्रिय-स्त्री. आस्व बी. चश्म कार; विष्टा For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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