________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८
प्रवेशक.
चरणान्त्य अक्षर समान होय ते समान्त्यविषमान्त्यतुकान्त केहेवायछे. जेमके:-~मा पड़ मुज आधार, चोसलां कोण चडावशे; मूवा चडावण हार, जीवता जातर आवशे.
। (रासमाळा) आमां बीजा अने चौथा चरणान्त्य अक्षर शे समान छे अने पहेला तथा त्रीजा चरणान्त्य अक्षर र समान छे माटे ए समान्त्यविषमान्त्य तुकान्त.
जेना सम चरणना तुकान्त मळता होय अने विषम चरणनो तुकान्त न मळता होय ते समान्त्य कहेवायछे. जेमकेः-दश मात्रिका देख, वरणो मुनि भाळ;
जाति ज, रुडा जाण, त्रण आठ छे ताल. आमां बोजा तथा चोथा चरगना तुकान्त ल ल समान छे माटे ए समान्त्य तुकान्त.
जे छंदना विषम चरणना तुकान्त एक सरखा होय अने सम चरणना तुकान्त असमान होय ते विषमान्त्यतुकान्त कहेवायछे. जेमके:--बाळु पाटग देश, जिसे पटोळां नोपजे, सरवो सोरठ देश, लाखणी मळे लोबडी.
(रासमाळा) __ आमा पहेला तथा त्रीजा चरणना तुकान्त श समान छ अने बोजा तथा चोथा चरणना तुकान्त असमान ले माटे ए विषमान्त्य तुकान्त.
जे छंदना पेहेला चरणना तुकान्त बोजा चरणना तुकान्त सदृश अने त्रीजा चरणना तुकान्त चोथा चरणना तुकान्त सदृश होय ते समविषमान्त्य तुकान्त केहवायछे.
For Private And Personal Use Only