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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३ प्रवेशक. गण देवादि विव. भणनाम मगण यगण | रगण सगण तगण जगण | भगग प SSS 155 SIS115 SS1 Isi si !!! ,फळ देवता पृथ्वी | जल | आने वायु व्योम | रवि | चंद्र नांग | श्री. सपति मृत्यु भ्रमण अर्थनाश | शोक | मंगल , सुन वैशाख कार्तिक | ज्येष्ट पौष आषाढ . | चैत्र | श्रावण मार्गशी पी मास पक्ष | शुक्ल | शुक्ल | कृष्ण | कृष्णा कृष्ण | कृष्ण | शुक्ल | शुक्र तिथि | ३ | ११ | २ | ४ | १ | १२ ५ । १२ वार ! रवि ! मंगल | मंगल | भृगु | बुध .. | गुरु | भृगु नक्षत्र मघा ज्येष्ठा चित्रात स्वाती उतरा मूळ अनुराधा वर्ण क्षत्रिय | विन | वश्व | शुद्भः | शूद्र | वैश्य | क्षत्रिय ब्राह्मण वस्त्र लाल | हरित. नील. | श्याम पीत | सुवर्ण रंग | श्वेत श्याम | | लाल | धूम्न | श्वेत | श्याम पीत | कनक भूषण | श्वेत | रु' | लाल | सुवर्ण | लाल | मणि | चूनी | सुवर्ण कुळ | द्विम क्षत्रिय | काळ | वायु | शूद्र | वैश्य | वैश्य क्षत्रिय | माता सरस्वाते सरस्वति जरा जरा धीषणा धीषणा धीषणा सावित्री पिता : पिंगल | समुद्र | मृत्यु मृत्यु | यम लोक | सत्य पाताल संचमनी, व्योम | स्वर्ग | मृत्यु | अमरा-स्वर्ग meme For Private And Personal Use Only
SR No.020597
Book TitleRanpingal Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRanchodbhai Udayram
PublisherKutchh Darbari Mudrayantra
Publication Year1902
Total Pages723
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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