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प्रवेशक.
गूजराती क्रियापदोमां अल्प यकारयुक्त भूतकाळनां रूप थायछे तेमां यकार लखवानो परिचय छे.. ____ गळयो, मळ्यो, रठ्यो, भळयो, सळयो, हळ्यो, जळयो, आ शब्दोमांना जोडाक्षर,ळ्योनी पेहेलांनो वर्ण उच्चार करतां थडकतो नथी माटे गुरु नहि गणाय. ___ कोइ कोइ स्थळे समपदनी अन्ते रहेलो लघुवर्ण गुरु गणायछे, तेमज कोइ कोइ स्थळे विषम पदली.. अंते रहेलो लघु क्वचित गुरु गणवामां आवेछे. .. गुरुवर्ण होय अने तेनो उच्चार दीर्घ थतो न होय तो ते
गुरु छतां लघु गणतो. जेम के "अरेरे कृष्ण" आ वाक्यमां "रे रे" ए दीर्घ वर्ण छे लेनो उच्चार लघु समान थायछे माटे तेम ने लघुः गणवा. तेमज डग मग आ चार मात्रा छे पण उच्चार करतां तेमांना ग हल बोलायछे माटे तेनी बे मात्रा गणवी.
सघळा मळीनं ३४ व्यंजन छे; तेना फळ परत्वे नीचे जणावेला त्रण भेद पाडवामां आव्या छे. शुभवर्ण, अशुभवर्ण अने दग्धवर्ण अथवा दग्धाक्षर. क, ख, ग, घ, च, छ, ज, ड, द, ध, न, य, श, स, अने क्ष. ए शुभवर्ण केहवायछे. ङ, झ, ञ, ट, ठ, ढ, ण, त, थ, प, फ, ब, भ, म, र, ल, व, ष, अने ह, अशुभवर्ण केहेवायछे झ, ह, र, भ, अने ष, ए दग्धवर्ण केहेवायछे. केटलाक तेने शुभ मानछे अने घ, ध, अने न ने
१ संस्कृतमा बीचेनो नियम पण लागु पडेछे. क्यारेक संयुक्त जोडाक्षर 'ह अने प्र” नी पेहेलांनो लघु वर्ण विकल्प गुरु गणवामां आवे छे. जेमके. जयतिप्रदापित ए शब्दमां प्रनी पेहेलांनी ति विकल्पे गुरु गणायछे. तेमज मानसहदि आमां हनी पेहेलनो स पण विकल्पे गुरु गणायछे.
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