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সনহা,
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गुरुवर्णनां नाम.
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धवलकमल वाजी
अलि
आहार
कुन्द
अच
सारंग
अल
गगल
रूप्य
चंदन
अजा
चक्क
गरूड
अखुल
समर
कुंजर
मेंढो
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सुर
कपोत
ससार
कील कलीर.
नाराच
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: আয়।
कगल
नीर
मंगल , कश
द्विमात्र
| जलहर वकास | निघट | मड़ड कुंभका
जलहर
वैकास
| निघंट
मउड
कुंभका | चामर
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अंग"
वरह
भासुर
माल. सिधिकिरण हार
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वस
वल्लभ
सार
| कुल
कुर्व । ताडंका
आ, ई. ऊ, ऋ, ल, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, आ स्व अने तेमनी साथे संयुक्त थयेला व्यंजनो गुरुवर्ण केहेवायडे ए सिवायता स्वर अने तेमनी साथे जोडायला व्यंजन लघु वर्ण केहेवायछे.
गुरुवर्ण. आ, औ, गौ, गा, या, इत्यादि लघुवर्ण अ, इ, उ, क, ख, गि, नि, इत्यादि.
लघुवर्ण जोडाक्षरनी पेहेलां आवेलो होय अने ते जो बोलता थडकतो होय तो गुरु गणायछे.
जेमके" मध्य". आ शब्दमां जोडाक्षर" ध्य" छे तेनी पेहेला" म"छे तेनो उच्चार करतां थडकछे माटे , म ए लघु छे छतां गुरु गणाशे. पश्चिम, दक्षिण, भक्त, दक्ष, ए शब्दोमां क्रमे प, द, भ, द ए लघु वर्ण छे ते गुरुवर्ण गणायछे.
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