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वर्णानुक्रमणिका।
कडर्यः-किराततिक्तः कण्टकालकः—यासः कडारम्-लोहम्
कण्टकिनी-कण्टकारी, कडुहुची ४२७, ४३२ कण्टकिनी-दीप्या कणकक्षारम्-टणः कण्टकिनी-चन्ताकी कणगुग्गुलुः १२०
कण्टकिफल:--समष्टिल: कणगुग्गुलुः ४२९
कण्टकी ४२६ कणीरकः---कृष्णः
कण्टकी-खदिरः कणजीरकः--शुक्तः
कण्टकी-बदरी कणजीर्णा—शुक्लः
कण्टकी-वंशः कणप्रियः-चटककः
कण्टतनुः—बृहती कणभक्षकः----चटकः
कण्टदला—केतकी द्वयम् कणयुक्ता ४३०
कण्टपत्रफला—ब्रह्मदण्डी कणवीरका--मनःशिला
कण्टपत्रिका-वृन्ताकी कणा ४२३
कण्टपादः-विकतः कणा ४३२,४३७
कण्टपुङखा ३३५ कणाग्रन्थि--मलम्
कण्टपुटिका----कण्टएडा कणा-पिप्पली
कण्टफल: ४३३ कणा—बृहत्पाली
कण्टफल:-क्षुद्रगोक्षुरः कणामूलम् ४३०
कण्टफल:—गोक्षुरः कणा-वनादिपिप्पली
कण्टफल:-चत्तूरः कणा-शुक्रः
कण्टफल:---पनसः कणाहया ४३४
कण्टफल:-लताकरन्नः कणाद्वा-शुक्ला
कण्टफल:-करका कण्टकत्रयम्--त्रिकण्टकम् कण्टफला-कर्कोटकी कण्टकत्रिकः-गोक्षुरः कण्टफला--जीमृतक: कण्टकद्रुमः----शाल्मली कण्टफली--झिञ्झिारेटा कण्टकप्रावृता--गृहकन्या कण्टवल्ली-श्रीवल्ली कण्टक:-गोक्षुरः कण्टवृक्षः-तेजःफल: कण्टक: विल्वः
कण्टवृन्ताकी---वृन्ताकी कण्टकाट्यः-कुब्जकः कण्टम्—लोहम् कण्टकाढ्यः-विल्वः कण्मारिका-कण्टकारी कण्टकाढ्या--कुब्जकः कण्टालिका–कण्टकारी कण्टकाव्या---शाल्मली
कण्टालु:-कण्टपुड्डा कण्टकारिका ४३८
कण्टालु:-त्रपुसम् कण्टकारी २५
कण्टालु:-बर्बरः कण्टकारी ४२८,४३०
) कण्टालु:---बृहती कण्टकारी-कारी
कण्टालु:-वंशः कण्टकारीत्रयम-त्रिकण्टकम् कण्टालु:...-वृन्ताकी कण्टकारी-लक्ष्मणा कण्टी-अपामार्गः
कण्टी--क्षुद्रगोक्षुरः कण्टी-खदिरः कण्टी-गोक्षुरः कण्ट:-कण्ठादीनि कण्ठकाल:—मत्स्यः कण्ठादीनि ३९७ कण्टालङ्कारकः-काशः कण्ठी--कलायः कण्टी--मत्स्यः कण्ठीरवः-पारावतः कण्टीरवः -सिंहः कण्ठीरवी—वासकः कण्डरा-कपिकच्छ्र: कण्डरा—महानाडी कण्डला—कपिकच्छू: कण्डुल:-अर्शोन्न कण्डुला---अत्यम्लपर्णी कण्डघ्नः-आरग्वधः कण्डूति:-कण्डू: कण्डयनम्-कण्डः कण्डूया-कण्डः कण्डल:-अर्शोन्नः कण्डल:--रोगिविशेषनामानि कण्डू: ४०८ कतकम् १२९ कतकः--कतकम् कतफलम्क तकम् कतफल:--- कतकम् कतम्-कतकम् कतः–कतकम् कत्तणम् २१ कथरी-कन्थारी कदम्बक:-कदम्बः कदम्बकः- शततारका ३९८ कदम्बक--हरिद्रुः कदम्बपुष्पगन्धः-व्रीहिः कदम्बपुष्पा--महाश्रावणिका कदम्बपुष्पिका-श्रावणी कदम्बः १९०
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