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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लिया। पलीक ( ६७) मल्पविराम अलीक-(न०) १. कुमार्ग। २. मर्यादा. अलेखाँ-(वि०) १. असंख्य । बेहिसाब । उल्लंघन । अमर्यादा । (वि०) १. मर्यादा २. अत्यधिक । रहित । २. कुपथगामी। ३. मिथ्या। अलेखें-(क्रि० वि०) व्यर्थ । ४. अप्रिय । अलेप-(वि०) अलिप्त । निर्लिप्त । अळी-गळी-(क्रि० वि०) १. गली गली में। अलेल-(वि०) अपार । २. इधर-उधर । अलोइजणो-(क्रि०) मिश्रित होना । अलीगण-(वि०) १. अखाद्य । २. अग्राह्य। अलोवणो--(क्रि०) गीली वस्तुओं को ३. अनुचित । नाजायज । ४, अनुपयुक्त। परस्पर मिलाने के लिये हाथ से हिलाना अलीध-(वि०) नहीं लिया हुआ। नहीं या मंथन करना । मिश्रित करना। ग्रहण किया हुआ । (क्रि० वि०) १. बिना अलोवीजणो-दे० अलोइजरणो । लिये ही २. लेने से पहले (क्रि० भू०) नहीं अलोक-(वि०) अलौकिक । २. अद्भ त । अलोच-वि०) लोच रहित। कड़ा । अलीन-(वि०) १. अध्यानस्थ । ध्यान से । । ध्यान से कठिन । काठो । दे० आलोच। रहित । २. अतन्मय । ३. विरत ।। अलोज-दे० आलोज । अलग । ४. अनुचित । बेजा। अलीबंध-(न0) ढाल कसने (बाँधने) का अलोप-(वि०) अदृश्य । अंतर्धान । लुम । कसना । अलोल-(वि०) नहीं हिलनेवाला। स्थिर ! अचंचल । अलीमन-(न०) मुसलमान । अलोलक-(न०) स्त्रियों के कान का एक अळीयळ-(न०) अलियळ । प्राभूषण । अलील-(वि०) १. बीमार । २. सूखा । अलोवणो-(क्रि०) द्रव पदार्थ में चुर्ण हरा नहीं। ३. अनील । आदि को हिला-चलाकर एक-मेक करना। अळ झाड़-(न०) १. रस्सी-धागे आदि में मिलाना। पड़ी हुई उलझन । २. टंटा-झगड़ा। अलौकिक-(वि०) १. लोकोत्तर । ३. पेचीदा काम । ४. पेचीदापन । २. असामान्य । अद्भ त । ३. अपूर्व । ५. उलझन । दिक्कत । ६. बिना सार- ४. अति मानुषी । ५. दिव्य । सम्हाल के बिखरा हुमा सामान । अल्प-(वि०) १. थोड़ा। कम । २. छोटा। ७. अटाला । अटाळो। अल्पजीवी-(वि०) कुछ समय तक जीने अळ झाड़ो-दे० अळ झाड़। वाला । अल्पायु। अळ झणो-(क्रि०) उलझना । फँसना। अल्पज्ञ-(वि०) बहुत कम जानने वाला। अळ झाणो-(क्रि०) उलझाना । फंसाना। नासमझ । अलणी-(वि०) १. जिसमें नमक न हो। अल्पप्रारण-(न०) वर्णमाला में प्रत्येक अलोनी । २. नीरस । ३. फीकी। वर्ग का पहला, तीसरा और पांचवा ४. नापसन्द। अक्षर तथा य, र, ल, व वर्ण । अलूणो-(वि०) १. नमक रहित । अल्पभाषी-(वि०) कम बोलने वाला। अलोना । २. नीरस । ३. फीका। अल्पभोजी-(वि०) थोड़ा खाने वाला। अलेख-(वि०) १. लेख रहित । २. जिसका अल्पविराम-(न०) वाक्य में किंचित कोई लेखा नहीं। असंख्य । ३. जो ठहराव के स्थान पर प्रयुक्त एक विराम लिखने के योग्य नहीं। (न0) अलख । चिन्ह () । कामा। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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