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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नवलखी नवतरही । ६६६ ) नवतेरही-(ना०)१. बाईसी सेना । बाईसी। विविध प्रकार का। २. नये प्रकार का । . २. बाईस सूबों की सेना । ३. रूपवान । नवदुर्गा-(ना०) १. नौ दुर्गा देवियाँ । २. नवरंगी-(वि०) १. नौ रंग की। २. रूपनौरात्र में पूजी,जाने वाली नौ दुर्गाएँ। वान। ३. छलछबीली। ४. अद्भुत । विचित्र । नवद्वार-(न०) शरीर के अाँख, नाक, कान नवराई-दे० निवराई। और गुह्यन्द्रियों के दो-दो और एक मुंह नवरात-(ना०)१. चैत और आश्विन शुक्ला ये नौ द्वार। प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन जिनमें नवधाभक्ति-(ना०) नौ प्रकार की भक्ति । दुर्गा की विशिष्ट पूजा की जाती है। श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, नवरात्र । नोरता । २. प्राचीन समय का वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन । एक रात्रि यज्ञ जो नौ रात-दिनों में नवनवो-(वि०) १. नया नया । नया । २. समाप्त होता था। विविध प्रकार का । ३. अजनबी। नवरातर-दे० नवरात। नव नहचै-(अव्य०) निश्चय ही। नवरात्री-दे० नवरात । नवनाड़ा-(ना०) १. स्त्री के वस्त्र-परिधान नवरास-दे० निवरास । में लगने वाली नौ गाँठे । २. वे मो नवरी-(वि०) १. खाली। २. बेकाम । ताबीज जो पति को वश में करने के लिये निष्क्रिय । बेकार । ३. विधवा। ४. काम कुलटा स्त्री अपने वस्त्रों की नो गांठों में से फारिख । निवृत्त । बांधे रहती है । ३. कुलटा स्त्री। नवरो-(वि०) १. खाली। २. बेकाम । नवनाथ-(न०)१. नो प्रसिद्ध नाथ संन्यासी। निष्क्रिय । बेकार । ३. काम से निबटा २. नाथ संप्रदाय के संन्यासियों का एक हमा। फारिग । निवृत्त । ४. क्वारा । भेद। ५. विधुर। नवनिधि-(ना०) १. नौ प्रकार की निधियाँ। नवरोजो-(न०) १. बादशाह अकबर २. कुबेर का खजाना। द्वारा प्रवर्तित एक उत्सव जिसमें उसके नवनीत-(न०) मक्खन । माखरण । अधीनस्थ राजा, नवाब और उनकी पत्नियों नवबीसी-(वि०) एक सौ अस्सी।। को सम्मिलित होना पड़ता था। नौरोजा। नवमी-(ना०) चांद्रमास के दोनों पक्षों का २. पारसियों के वर्ष का पहिला दिन । नौवां दिन । नम । नौरोज । पारसी वर्ष के फरवर दिन मास नवमो-(वि०) गिनती में नौ के स्थान पर का पहिला दिन । ३. पारसियों के नये प्राने वाला ( नवम । नौवाँ । ) क्रम में साल का त्योहार । पतेती। पाठ के बाद का । २. दे० नमियो। नवल-(वि०) नया । नवो । नयो । नवमोहरो-दे० नमोरो। नवलखी-(ना०) १. कच्छ के निकट का नवरता-दे० नवरात। सिंध प्रदेश । सिंध का एक प्रदेश । २. नवरतो-(न०) नौरात्रि का एक कोई एक सिध देश। ३. साराष्ट्र का एक बदर । दिन । ४. श्रेष्ठ जाति की घोड़ी। (वि०) १. नवरंग-(न०) १. औरंगजेब । नौरंग । २. सिंध के एक भाग का विशेषण । २. नौ एक छंद । ३. सुंदरता । (वि०) १. लाख के मूल्य की । नौलखी। बहुमूल्य । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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