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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( ६५८ ) नकेल नकेल - ( ना० ) १. ऊंट के नाक को छेद कर डाला जाने वाला लकड़ी का एक उपकरण, जिसमें मोहरी (रस्सी) बँधी रहती है । न केवळो - दे० निकेवळो । नकै - ( क्रि०वि० ) [ 'क' का वर्ण व्यक्तिक्रम ] पास । निकट । नजदीक । न को- (अव्य०) १. कोई नहीं । २. नहीं । नकोर - (वि०) १. अखंडित । २. नया । ३. बिना फलाहार का (उपवास) । नक्की - ( वि०) १. खरा । पक्का । दृढ़ । २. जिसका निर्णय हो गया हो । निर्णीत | निश्चित । ३. ठोक । ४. नाक से संबंधित | नक्की फूंक - ( ना० ) पूगी श्रादि मुँह से बजाये जानेवाले फूंक वाद्यों की स्वरगति बंद नहीं होने देने के लिए नाक से श्वास को खींच कर मुँह से जारी रखी जाने वाली स्वासक्रिया । नक्र - ( न०) मगरमच्छ । नक्षत्र - ( न०) १. तारा । २. कृतिका, रोहणी आदि २७ नक्षत्रों में से प्रत्येक । नक्षत्रधारी - दे० नखतधारी । नख - ( न० ) १. नाखून । नख । २. ग्रल्ल । उपगोत्र । नख प्रावध- ( न० ) शेर, चीता, बिल्ली, कुत्ता प्रादि तीक्ष्ण नखों वाला कोई हिसक जानवर | नखायुध । नखत - ( न० ) १. नक्षत्र । २. तारा । नखतमिरण - ( न० ) नक्षत्रमणि । सूर्यं । नखतर - ( न० ) नक्षत्र । ( अश्विनी, भरणी आदि २७ नक्षत्र ) । नखतरी - ( वि० ) शुभ नक्षत्र में जन्म लेने लेने वाला । भाग्यशाली । नक्षत्रवारी । नखताळी - ( ना० ) नक्षत्रावलि | नक्षत्रपंक्ति । नखतेत - (वि०) नक्षत्रधारी । भाग्यशाली । नखतेस - ( न०) नक्षत्रेश | चंद्रमा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नखीतळाव नखत्र - ( न० ) नक्षत्र । नखनिवायो- (वि०) बहुत कम गरम | साधारण गरम (पानी) | नखर - ( न०) नख । नाखून । दे० निखर । नखरधर - ( न० ) नख वाले हिंसक पशु । मांसाहारी पशु | नखरादार - (वि०) नखरा वाला । नखराळी - (वि०) ०) १. नखरे वाली । २. श्रृंगार चेष्टा वाली । शौकीन । For Private and Personal Use Only नखरालो - (वि०) १. नखरे बाज | नखरा करने वाला । २. शौकीन । नखरो - ( न०) १. नखरा । विलास चेष्टा । हावभाव । २. श्रृंगारिक चेष्टा । ३. बनावटी चेष्टा । ४. बनावटी इनकार । नखलियो - ( न० ) १. स्त्री के पाँव की अँगुली में पहिना जाने वाला एक छल्ला । २. वीणा आदि तार वाद्यों को बजाने के लिए तर्जनी अंगुली में पहिना जाने वाला लोहे के तार का गूंथा हुआ एक छल्ला । मिजराब । ३. सुथार का एक औजार । नखलो - ( वि० ) [ मूल शब्द 'कनलो' । ध्वनि भेद रूप 'खनलो' का मेवाड़ी वर्ण व्यक्तिक्रम ] पास । निकट का । नख - सिख - ( न० ) १. पैर के नाखून से लेकर सिर की शिखा तक के सभी अंग । २. शरीर के सभी अंगों का वर्णन । ३. सभी अंगों की सुन्दरता और उनके शृंगार का वर्णन | ( वि०) समस्त । सभी । नखावणो - ( क्रि०) १. डलवाना । २. फिक वाना । ३. रखवाना । ४. दूर करवाना । बाजू पर रखवाना । ५. अंदर डलवाना । नखायुध - दे० नख श्रावध | नखावध दे० नख प्रावध | नखी - ( न० ) १. नखायुध । २. सिंह । ३. चीता । ४. तीक्ष्ण नखों वाला पशु । नखीतळाव - ( न० ) श्राबू पर्वत पर का एक पवित्र रमणीय तालाब ।
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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