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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धुलाई । ६५० ) धूड़कोट धुलाई-दे० धोवाई। और भोस आदि से छा जाने वाला धुवरणो-(क्रि०) धोया जाना । अंधेरा । कुहरा । २. आँख का एक रोग धुवाड़णो-दे० धुवाणो। जिसमें ज्योति मंद पड़ जाने से चीजें धुवाखो-(क्रि०) धुलाना । धुंधली दिखाई देती हैं। ३. तोंद । धुवावरणो-दे० धुवाण।। तुद । ४. अज्ञान । धुवाँधुज-दे० धुआधुज । धुधकार-(न०) अंधेरा । अंधकार । धुअर-दे० धुध । अंधारो। धुआड़ी-(ना०) धूनी । धूरगी। धुधलारणो-दे० धुधलावणो।। धुपाड़ो-(न०) धुआँ । धूम्र । धुओ। धुधलावणो-(क्रि०) १. धुध छा जाना । धुंआधार-(क्रि०वि०) १. अधिक वेग से। वातावरण का धुधला हो जाना । २. बहुत जोर से। त्वरा से । २. अधिक अंधेरा हो जाना। जनों के एक साथ त्वरा के प्रयत्न व ध वाडो-दे० धुपाड़ो। परिश्रम से । (वि०) १. बड़े जोर का धू-(न०) १.ध्रुवतारा । २. ध्रुव भक्त । ३. २. बेशुमार । अपार । ३. धुएं से भरा। शिव । ४. हाथी। ५. उत्तर दिशा । ६. (अव्य०) धुआँ ही धुयाँ । अपार धुआँ। सिर । ७. पुत्री। बेटी। कन्या । ८. गोटमगोट । ओर । तरफ । (वि०) १. प्रथम । २. धु आधुज-(न०) अग्नि । प्राग । एक । ३. स्थिर । अटल । ४. निश्चित । धाधोर-(न०) १. खूब उठे हुये या फैले ५. शाश्वत । ६. वीर । ७. धूर्त । हुये धुएँ के गोट । आकाश में उठे हुये धकळ-(न०) १. युद्ध । २. शोर । कोला. धुएँ के बादल । २. धुएँ से होने वाला हल । ३. उत्पात । अंधेरा । (वि०) धुएँ से परिपूर्ण । धूजट-दे० धूजटी। धूमायमान । धूजटी-(न०) धूर्जटि । महादेव । धुपा बराड़-(न०) प्रति चूल्हे पर (अथवा धूजणी-(ना०) कंपन । धूजन । जलाने की लकड़ी पर) लिया जाने वाला धूजणो-(क्रि०) १. धूजना। काँपना । २. प्राचीन समय का एक कर। हिलना। धुपाख-(न०) १. तोपों के छूटने से धुड-(ना०) १. धूलि । रज । २. मिट्टी। आकाश में छाया हुआ धुआँ । २. धुएँ आ। २. धुए ३. गर्द। के बादल। धूड़कोट-(न०) १. मिट्टी का बना किला। धुपाडंबर-दे० धुआख । धूलि दुर्ग । २. प्राउ का किला, जिसे धुई--(ना.) १. धूनी। २. लोबान, धूप १८५७ के युद्ध में अंग्रेजों ने फतह किया आदि का धुआँ । था । ३. मिट्टी की ऊँची पालि से गिरा धुअो-(न०) धुआँ । धूम्र । धुआड़ो।। हुआ कोट । ४. शत्रु के किले की मिट्टी धुगार-(न०) १. छौंक । बधार । २. की बनाई हुई वह प्रति कृति जिसको असफुलगारणो। फल एवं परास्त आक्रामक ध्वस्त करके धुगारणो-दे० धूगारणो। उसे विजय करने की अपनी प्रतिज्ञा का धुद-दे० धुध । पालन करना समझ लेता था। ५. काल्पधुध-(न०) १. आकाश में गर्द, धु निक गढ़ या दुर्ग । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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