SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 584
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तेलियो ( ५६७ ) तेलियो-(वि०) १. तेल के रंग का। काले पांगळ से कार की ऊमर का सवारी का रंग का (ऊँट)। २ तेल वाला । तेल से ऊँट । ४. चिंता। सोच-फिकर । ५. बना चिकना। ३. तेल में भिगा हया। सोच-विचार । तेल से तर । तेवीस-दे० तेईस । तेली-(न0) तेल पेरने और बेचने वाला। तेसठ-(वि०) साठ और तीन । (न०) प्रेसठ __ की संख्या। '६३' घांची । २. तेली जाति का मनुष्य ।। तेलो-(न०) १. त्रिरात्र व्रत । २. तीन दिन तेह-(न०) १. सौष्ठव । सुडौलपन । सौंदर्य । सुन्दरता । ३. तल । थाह । तह । ४. __ का उपवास। तेलोड़ी-(ना०) वह तेल-पात्र, जिससे दीपक क्रोध । रोस । ५. घमंड । ६. वर्षा से भूमि के भीतर तक गीला होने का अंगुली में तेल डाला जाता है । तिलोड़ी। परिमाण । वर्षा परिमाण । ७. वर्षा के तेवटियो-(न०) १. स्त्रियों के गले का एक जल का जमीन में गहरा पहुँचना । गहना । २. लंबाई में जिसके तीन पट्टियाँ तेहड़ो-(वि०) वैसा। जुड़ी हुई हों ऐसा प्रोढ़ने का या घोती की का तेहवो-(वि०) वैसा ।। - जगह काम में लिया जाने वाला पुरुष का तेही-(वि०)१. तसी। २. क्रोधी । (क्रि०वि०) एक वस्त्र। उसी प्रकार । तेवटो-दे० तेवटियो। तै-(न०) १. तय । निश्चय । २. निर्णय । तेवड़-(ना०) १. हैसियत । सामर्थ्य । २. फैसला । (वि०) १. पूरा किया हुआ। मितव्ययिता । किफायत । ३. तजवीज। समाप्त । २. निश्चित । ठहराया हुआ। व्यवस्था । ४. प्रबंध । बंदोबस्त । ५. ३. निबटाया हुआ । निर्णीत । तैयारी । ६. तत्परता । ७. सजावट । ८. तैखानो-दे० तहखानो। सार सम्हाल । देखरेख । ६. व्यंजन। तैड़ी-(वि०) वैसी । तैसी । १०. तीन परत । त्रिपट । (वि०)१. तीन तैड़ो-(वि०) तैसो । वैसो। परत वाला । २. तिगुना। तैनात-(वि०) १. नियुक्त । मुकर्रर । २. तेवड़णो--(क्रि०) १. व्यवस्था करना। २. तैयार । तत्पर । ३. हाजर । मितव्यता से खर्च करना। ३. फालत तैनाती-(ना०) १. हाजरी । २. नियुक्ति । खर्च नहीं करना। ४. सावधानी से गृहस्थी तैनाळ-दे० तहनाळ । चलाना। ५. इरादा करना। विचार ते-परार-(न०) गत दो वर्षों के पहिले का वर्ष। करना। ६ निश्चय करना। तेवड़ो-(वि०) १. तिगुना । २. तिहरा।। तै-पैले दिन-(न०) गत चौथा दिन । २. आने वाला चौथा दिन। तीन परतों वाला। तैयार-दे० तयार । तेवणो-(कि०) कुएँ में से चरस द्वारा पानी तैयारी-दे० तयारी। निकालना। तैयो-(न०) १. मृतक का तीसरा दिन । २. तेवर-(ना०) १. ललाट के तीन बल या । ___ मृतक के तीसरे दिन किया जाने वाला सिलवट । त्योरी । २. भूभ्रग । भृकुटी। क्रिया-कर्म । तीयो । तीसरो।। तेवरी। तराई-(ना०) १. तैरने की क्रिया । २.तैरने तेवाण-(10) १. हाथी, घोड़ा और रथ में सहारा देकर नदी आदि से पार करने तीनों वाहुन । वाहन । २. ऊँट । ३. की मजूरी। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy