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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तालाबेली तास तालाबेलो-दे० ताला मेली । ताव उतरणो-(मुहा०) बुखार नहीं रहना। तालामेली--(ना०) १. तजवीज । तालमेल । बुखार उतर जाना । २. जल्दबाजी । ३. व्याकुलता । ताव खाणो-(मुहा०) क्रोध करना । तालावर-घि ) भाग्यशाली। ताव चढणो-(मुहा०) बुखार हो जाना । ताळो-(न०) १. हथेलियों का परस्पर तावड़ो-(न०) १. सूर्य का प्रकाश । धूप । आवात । करतल ध्वनि । २. कुजी। २. सूर्य की गरमी । सूर्यताप । घाम । कूची । ३. तल्लीनता । ४. समाधि। तावरणी-(ना०) १. मक्खन को गरम करके ताली-(ना०) १. सूची। तालिका। २. घी बनाने का काम । २. मक्खन बनाने कूजी। ची। ताली। ३. खलिहान या किसी वस्तु को गरम करने की क्रिया । में साफ करके लगाया हा अनाज का ३. तावणी का पात्र । वासरण । ४. जाँचढेर । परताल । तालीको-(न०) १. जागीर का पट्टा । तावरणा-(क्रि०) १. सताना। दुख देना । सनद । २. परम्परानुसार नेगियों को नेग २. तपाना । गरम करना । ३. घी बनाने दिये जाने की क्रिया । ३. नेग । के लिय मक्खन को गरम करना । मक्खन को गरम करके उसे घी रूप देना। ताळी लागरणी -(मुहा०) १. किसी बात में मन का रंग जाना । रंग लग जाना । २. ताव-तप-(न०) १. मौसमी बुखार । २. बीमारी। ध्यान लगना । ३. सफलता मिलना। तावदान-(न०) १. द्वार या बारी पर ताळ -दे० ताळवो। तालुको-(न०) १. तालुका । तहसील । २. बनाया हुप्रा पाला। रोशन दान । द्वार के ऊपर का ताख, पाला या ताँड के लिये संबंध । ३. जान पहिचान । परिचय । ताळो-(न०) ताला । कुलफ । लगाई जाने वाली पत्थर या लकड़ी की पट्टी। ३. ताख । ताक । आला । ४. ताळोकूची-(न०) १. ताला और उसकी बारी। रोशनदान। चाबी । २. पक्का कब्जा। तावळ-(क्रि०वि०)उतावल । जल्दी । शीघ्र । ताळोखोलामरणी-(मुहा०) आसामी (ऋण- तावळी-(विना०) उतावली । उतावळी । माही) को रुपये कर्ज देते समय ताला तावली-(वि०) ज्वर-पीड़िता। बुखार वाली। खोलने के नाम पर लिया जाने वाला तावळो-(वि०) उतावला । उतावळो । धनिक (बोहरा /ऋणदाता) का लाग। तावलो-(वि०) जिसे बुखार चढ़ा हो । कोथली खोळामणी। ज्वरपीड़ित । ताव-(न०) १. बुखार । ज्वर । २. आंच। तावी-(ना०) १. बड़ा तवा । तई । २.छोटा ३. रोष। क्रोध । ४. अहंकार । ५. तवा । ३. कवच । ४. शत्रु । अहंकार को झोंक (मूछों पर) ६. दुख । तास-(ना०) १. मोटे कागज के बावन पत्तों पीड़ा । पाफत । ७. प्रांतक । भय । . का एक खेल । २. मोटे कागज के चौकोर सोने चांवो आदि धातु की गुल्ली को आंच टुकड़ों पर चार रंग की बूटियों और देने के बाद हथोहे से ठोक कर बढ़ाने की तसवीरों वाला बावन पत्तों का एक सैट। किया। ३. तासीर । गुण। असर । ४. किसी ताव प्रावणो-(महा०) बुखार होना । काम का यथावत तथा पथारूप बन For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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