________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
( ५३१ )
ढोलो
तक
ढोलो - ( न०) नरवर का एक प्रसिद्ध राजकुमार जिसका मालवणी और मारवरणी के साथ विवाह हुआ था । २. राजस्थानी लोकगीतों का नायक । ३. ढोला । पति । ४. दूल्हा । ५. मूर्ख व्यक्ति ।
५. बोझा उठा कर ले जाना । उठा कर ले जाना । ६. धारण करना । ७.उठाना । ८. ले जाना । ६. सम्हालना । ढोवाई
- ( ना० ) १. ढोने का काम । २. ढोने की मजदूरी | दुलाई |
ढोळ - (To) खड़े नहीं हो सकने का पशुप्रों ढोवो - ( न० ) १. श्राक्रमण । २. लूट । ३.
का एक रोग ।
ढोल्यो - दे० ढोलियो ।
ढोवणो - ( क्रि०) १. चलाना । २ दौड़ाना । ३. युद्ध में झोंकना । ४. बोझा उठाना ।
ण
- राजस्थानी में ट वर्गीय मूर्द्धस्थानी अनुनासिक व्यंजन | राजस्थानी वर्णमाला का पन्द्रहवाँ व्यंजन वर्ण । इस अक्षर से प्रारंभ होने वाला शब्द भाषा में नहीं है । वाणी की पाठशाला में इसका मनोरजक
त - संस्कृत परिवार की राजस्थानी वर्णमाला का सोलहवाँ और तवर्ग का प्रथम दंत्य व्यंजन वर्ण । ( अव्य०) १. पाद पूर्णार्थं श्रव्यय । २ तो । तब । उस स्थिति में
1
३. ही । ४. भी । ( सर्व०) उस | उरण | उ । तइ - (अव्य०) तब । उस समय । ( सर्व ० ) उस | उरण |
तइयो - दे० तियो सं० २, ३ | तई - (सर्व०) १. तू । २. तेने । ३. तेरे । ४. उस । ( प्रत्य० ) करण और अपादान कारक की विभक्ति । से ।
तई - दे० तवी | ( वि० ) १. प्राततायी । अत्याचारी । २. दुष्ट । ३. शत्रु ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भार । वजन ।
ढोहगो - ( क्रि०) गिराना । ढोंग - दे० दूंग | ढोंगी - ० दूंगी |
नाम 'राणो तारणो हेल ए' ( राणे ताण्यो सेल है ) पढाया जाता है गरण - ( न०) दो मात्रामों का एक मात्रिक गरण ।
( क्रि० वि०) तब । उस समय | ( सर्व ० )
उस ।
तउ - ( अव्य० ) १. तो । २. तो भी । ( सर्व० ) तू तक - ( न० ) गुड़, खाँड,
हुये थेलों को ( भारी
नाज आदि के भरे वस्तुनों को) तोलने का बड़ा काँटा । तराजू । भारकांटो । २. मौका | अवसर | उपयुक्त समय । ३. आचरण । व्यवहार । ४. ताक । तलाश । ५. लक्षण । आसार । ६. प्रकार । तरह | ढंग | (श्रव्य ० ) किसी वस्तु या काम की सीमा या अवधि सूचित करने वाली एक विभक्ति | पर्यंत ।
For Private and Personal Use Only