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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ढगली ( ५२२ ) ढळणो ढगली-दे० ढिगली। ढोल का शब्द । २. ढोल का एक ताल । ढगलो-(न0)ढेर । पुंज । राशि । ढिगलो। ढरडो-(न०) १. पुराने रिवाज का अनुढचरका-(न०ब०व०) १. ढोंग । पाखंड । सरण। ढर्रा । २. खोटे रिवाज का ___ ढकोसले । २. नखरा । अनुसरण । अंधानुकरण । ३. दृष्टानुढचरो-(न०) पाखंड । ढोंग । (वि०) वृद्ध।। सरण । देखादेखी । ४. स्वभाव । आदत बुड्ढा । (अनुचित) ५. शैली । ढंग । ढर्रा । ६. ढचूपचू-(वि०) १. डावांडोल । डिगमिग । कुप्रथा । खोटा रिवाज । हरों। २. अनिश्चित । ढर्रा-दे० ढरड़ो। ढदो-(न०) १. 'ढ' अक्षर । ढकार । २. जड़ ढळ-(न०) १. अस्त होने की क्रिया या - मनुष्य । सर्वथा अज्ञान मनुष्य । भाव । २. ढेला। ३. पहाड़ के पास की ढपला-(न०ब०व०) १. ढोंग । पाखंड । २. रक्षित भूमि । कृत्रिम रोना । चरित्र । ढळकरणो-(क्रि०) १. गिर कर बहना । २. ढब-(ना०) १. ढंग । युक्ति। रीति । २. आँसू ढरकना । आँसू बहना। ३. किसी रचना । बनावट । ३. तदबीर । उपाय ।। वस्तु का हिलते हुए दिखना । ४. लोलक ४. पसंद । ५. वश । अधिकार । ६. अव की भांति हिलना। सर । मौका । ७. सुविधा । सहूलियत । ढळकावणो-(क्रि०) १. हिलाना । २. ढबरणो-(क्रि०) १. निभना । निर्वाह होना । गिराना। ३. लुढ़काना। ४. बहाना। २. ठहरना । रुकना। ढबदार-(वि०) १. ढबवाला। २.वशवाला। (प्रांसू)। आंसू ढरकाना । ३. पसंद वाला । ४. छटादार । __ढळको-(न०) अाँख से पानी गिरते रहने ढबू-दे० ढब्बू । ___ का एक रोग । ढलका। ढब्बू-(वि०) मूर्ख । जड़। (न०) १. दो ढळरणो-(क्रि०) १. नक्षत्रों का मध्याकाश में पैसों का मोटा और पुराना ताँबे का एक प्राकर पश्चिम की ओर जाना। प्रस्त सिक्का । २. टका । दो पैसे। ३. पौने होने के निकट या स्थिति में माना । ग्रहों दो तोले का एक तोल । का अस्ताचल की ओर जाना। २. पात्र ढमक-दे० ढमको। में से पानी तेल आदि प्रवाही पदार्थ का ढमक-ढमक-(न0) ढोल के बजने की। गिरना, बहना या बाहर निकलना । ३. आवाज । घोड़े, ऊंट आदि का जंगल में चरने जाना। ढमकरणो-(क्रि०) ढोल का बजना । ४. चलना । रवाना । जाना। ५. पलंग, ढमकारणो-(क्रि०) ढोल बजाना । जाजम प्रादि का सोने-बैठने की स्थिति ढमकावणो-दे० ढमकारणो। में होना या बिछाया जाना । ६. पिघली ढमको-(न०) ढोल बजने का शब्द । हुई धातु का साँचे में ढाला जाना । ७. ढमढम-दे० ढमक ढमक । ठहरना । विश्राम करना । ८. अचेत ढमक-दे० ढमक । होकर गिर पड़ना। ६. बीतना । १०. ढमंकणो-दे० ढमकणो। मरना । ११. एक ओर झुकना । १२. ढमाक-दे० ढमको । अमुक वृत्ति की ओर झुकना । १३. देवता ढमाढम-(न०) १. ढोल बजने की आवाज । के ऊपर चमर का फिराया जाना। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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