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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir डकावरणो । ५०५ ) डड्डो डकावणो-(क्रि०) कुदवाना । छलांग डगली-(ना०) रूईदार सदरी।। भरवाना। डगळी-(ना०) १. किसी फल में उसका डकेत-(न०) डाकू । लुटेरा। स्वाद रंग आदि विशेषताएँ देखने के लिये डको-(न०) एक चर्म वाद्य । लगाई जाने वाली चकती। थिगली । डकोळी-दे० डंकोळी। फल की टाँका । टाकी । २. समझ शक्ति । डखळ-डखळ-(न०) मुंह में ऊपर से धार ३. समझ । बुद्धि । उड़ेलकर पानी पीने से गले में होने वाला डगळी खसणो-(मुहा०) १. मान नहीं शब्द । २. जल्दी जल्दी पानी पीते समय रहना । २. बिना समझ की बात करना । गले से निकलने वाला शब्द । ३. पागल हो जाना। डखोळणो-(क्रि०) घुघोरना । गंदला डगलो-(न०) १. एक प्रकार का अंगरखा । करना। २. पाँव । कदम । डग । डग-(न०) १. कदम । फाल । फलाँग । २. डगंबर-दे० डिगंबर । पांव । पैर । ३. एक डग से दूसरे डग डगारणो-दे० डिगाणो । की दूरी। डगावरणो-दे० डिगावणो । डगण-(न०) काव्य में चार मात्राओं का । डगमगू-(वि०) अस्थिर । एक गण। डगणो-दे० डिगयो। डचको-(न०) मुंह से बाहर निकला हुआ ___ गाड़े कफ का अंश । बलगम । डगबेड़ी-(ना०)हाथी को बांधने की सांकल । . डटण-(वि०)१.गड़ा हुआ । २. गाड़ा हुआ डगमग-(वि०) १. विचलित । निश्चय में ढचुपचु । २. प्राशंकित । ३. हिलता दाटा हुआ । (न०) गड़े हुये के ऊपर का ढक्कन । हुमा । (ना०) १. वहम । संशय । २. डटगो-(क्रि०) १. खड़े रहना । २. जमकर प्राशंका। ३. अस्थिरता । चंचलता। ४. अनिश्चितता। खड़ा होना । अड़ना। ३. गड़ना । दफन डगमगणो-(क्रि०) १. निश्चय से विचलित होना । ४. भिड़ना। ५. दत्तचित्त होकर काम में लग जाना। होना । डाँवाडोल होना। २. संशय होना । ३. अाशंका होना । ४. हिलना । डटारणो-दे० डटावरणो। डटावरणो-(क्रि०) १. दफनाना । गाड़ना । डगमगाना। २. दफवाना। गड़वाना। ३. सटाना । डगमगाट-(न०) १. हलन-चलन । डग ४. भिड़ाना । दबाना। मगाहट । २. घबराहट । थर्राहट । ३. डटियोड़ो-(वि०) १. गड़ा हुआ। दफन आशंका । खटका । ४. लड़खड़ाहट । डगमगाणो-(क्रि०)१. इधर-उधर हिलना। किया हुआ। २. दबा हुआ । भिड़ा हुआ। डगमगाना। २. निश्चय से विचलित ३. डटा हुप्रा । टिका हुआ। होना। ३. विचलित करना। ४. प्राशं- इट्ट डट्टो-(न०) १. किंवाड़ को बंद होने से कित होना। रोकने वाला लकड़ी का डट्टा । २. छींट डगर-(न०)१. मार्ग । रास्ता । २. पत्थर । छापने का डट्टा । भांत । ठप्पो । ३. मुंह डगरो-(न०) ऊंट। या छेद बंद करने वाली वस्तु । काग । डगळ-(वि०) निर्जन । शून्य । (न०) ढेला। डड्डो-(न०) ट वर्ग का तीसरा वर्ण । पत्थर। डकार । 'ड' वर्ण । इसके दो उच्चारण For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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