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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टच ( ४८३ ) टाप टंच-(वि०) १. बढ़िया किस्म का । पक्का । कर दूर जा पड़ना। ५. उछलकर आई २. कंजूस । ३. तैयार । ४. कसौटी पर हुई वस्तु का टकराना या टकराने से चोट जांचा हुआ । ५. चंट । धूर्त । दे० टच लगना। ६. मारा मारा फिरना। इस सं०१। घर से उस घर को जाना। ७. बेइज्जत टंचरणो-दे० टाचणो। करना । ८. डॉटना। फटकारना। टंचावणो-(क्रि०) १. टाचे लगवाना । २. टाचकियोड़ी-(वि०) १. अनादृता । प्रमाने २. चक्की को टॅचवाना । ३. टंच निकल- तण । वाना (सोने चांदी का)। टाचकियोड़ो-(वि०) १. टकराया हुआ। टंट-दे० टंटो। २. अप्रतिष्ठित । टंटाखोर-(वि०) झगड़ालू । फसादी । उप- टाचको-(न०) १. डाँट । फटकार । २. द्रवी । टंटाळू । बेइज्जती । ३. टक्कर । ४. चोट । टंटाळ-दे० टंटाखोर। प्राघात । टंटो-(न०) १. टंटा। झगड़ा। कजियो। टाट-(ना०)१. बकरी । २. गंज । खल्वाट । तकरार । २. व्यर्थ की झंझट । ३. ३. सन की डोरियों का मोटा कपड़ा। उत्पात। ४. खोपड़ी। कपाल । (वि०) १. बकटंटो-झगड़ो-दे० टंटो फिसाद । वादी । २. मूर्ख । टंटो-फिसाद-(न०) टंटा-फसाद। लड़ाई- टाटियो-(वि०)टाट वाला । गंजरोग वाला। झगड़ा। खल्वाटी। टंटोळणो-(क्रि०) टटोलना । खोजना। टाटी-(ना०) १. बांस आदि की पट्टियों से ढूंढना। बनाई हुई प्राड़। पल्ला । टट्टर । टट्टी। टंडेरो-(न०) १. घर-गृहस्थी । २. सामान। २. पतली ( मात्र एक ईंट लंबी की ) टंडो-दे० टाँडो। दीवाल। टाइम-(न०) समय । वक्त । टाटू-दे० टाटियो। टाइम-टेबल-(न0) समय पत्रक। समय टाटो-(न०) १. गरमियों में ठंडक के लिये सारिणी। लगाया जाने वाला खस आदि का पल्ला। टाउन हॉल-(न०) नगर का सार्वजनिक टट्टी । २. बकरियों का झुंड । ३. सभा इत्यादि करने का मकान । बकरी। टाकर-(ना०)१. घाव । चोट । २. टक्कर। टाण-दे० टांड । ३. ठोला । ठोसा । ४. चोंच की मार से टाणो-(न०) १. समय । २. अवसर । पड़ने वाला घाव । ठोंग। शुभाशुभ प्रसंग । ३. शुभ प्रसंग । ४. टाकी-(ना०) १. घाव । जस्म । क्षत । २. मौका । ५. उत्सव । ६. जीमन । भोज । ककड़ी, मतीरे आदि की कच्चे-पक्के की ७. मृत्यु भोज । ८. माहेरा। परीक्षा के लिये उसमें चाकू से काट कर टाणो-टामचो-(न०) १. विशेष अवसर । बनाया गया बखोल । डगळी। खास मौका । वार तहवार । २. शुभ टाचकणो-(क्रि०) १. टकराना। २. दो अवसर । वस्तुओं का परस्पर टकराना। ३. उछ- टाप-(ना०) १. घोड़े के चलने का शब्द । लना । कूदना। ४. किसी वस्तु का टूट घोड़े के पांवों का जमीन पर पड़ने का For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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