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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( ४५३ ) जूर जूझार - ( न०) १. शूरवीर । २. वह वीर जो सिर कटने पर भी लड़ता रहता है। जूझारजी - (न०) लोक देवता की भाँति पूजा जाने वाला जुझार वीर । (श्रव्य ०) व्यंग्य, उपालंभ या वाक्युद्ध श्रादि प्रसंगों में प्रयुक्त असामर्थ्य सूचक एक जैसे - करलीजै थारी बहादरी । देख लियो थनै भारजी नै । अव्यय । जूसरण - ( न० ) कवच | जूह - ( न०) १. भुंड | यूथ । समूह । २. सेना । ३. युद्ध । ४. हाथी । (वि०) बहुत बड़ा । जूं - ( ना० ) १. बालों का एक कीड़ा । जूं ं । जूं प्ररो - दे० जुग्राड़ो । जंग - ( न० ) १. ऊंट । २. ऊंट को बिठाने के लिये बोला जाने वाला शब्द । जुरण । जूंगी - ( ना० ) ऊंटनी | सांय | जूट - ( वि०) १ जुड़ा हुया । २. दो । ( न०) जूं जळो - ( न०) काले रंग का कीड़ा, जो प्रायः विष्ठा की गोली बना कर पाँवों से लुढ़काता और उलटा चलता हुआ बरसात में दिखाई देता है । गोगीड़ो । गुकीड़ो । जू' भरगो-दे० झरणो । १. जोड़ा । २. सन । पटसन । जूटरो - ( क्रि०) १. युद्ध में प्रवर्त होना । २. युद्ध करना। ३. संलग्न होना । जुड़ना । ४. भिड़ना । टकराना । जूड़ी - ( ना० ) १. पूली । जूरी । मुट्ठा | २. जू झळ - ( ना० ) भुंझलाहट । चिढ़ | जू झळाट - दे० तूळ । तमाकू के पत्तों की जूरी । जूण - ( ना० ) १. योनि । जन्म । २. जीवन । जिंदगी । जूड़ो - ( न० ) बालों को माथे पर लपेट कर जूं भार-दे० जूझार | जू भारजी दे० जूझारजी । बनाई हुई गुत्थी । म्बोड़ो । जूठो - (वि०) १. चतुर । चालाक । होशियार । २. कपटी । छली । २. उच्छिष्ट । एंठा । जुठा । जूट - ( ना० ) १. जुड़ी हुई दो चीजें । दो जुड़ी हुई चीजों से बनी एक वस्तु । २. जोड़ी । ३. दो-दो की एक पंक्ति । ४. जून - ( न०) जूती । पगरखी । पादत्राण । जूता । जूती - ( ना० ) पगरखी । जूतो- ( न० ) ता । पगरखो । जोड़ो । जूथ - ( न०) १. समूह । यूथ । २. सेना । जूथार - (To) हाथी | जून - ( न० ) ईसवी सन् का छठा महीना । जूनाळी - ( ना० ) एक तोप | ( वि०) जूनी । पुरानी । जूनी - ( वि० ) १. पुरानी । प्राचीन । २. जीणं । जर्जरित । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जूनो - ( वि० ) १. पुराना । प्राचीन । २. जर्जरित । जीर्ण । जूपणो - ( क्रि०) १. जुतना । संलग्न होना । २. प्रज्वलित होना । लगना । जूटो - (०) जुम्रा । द्यूत | जेज For Private and Personal Use Only जूटो - ( न०) १. जोड़ी । जोड़ा । २. हाथ बुनी चद्दर का एक जोड़ा । जूठो - दे० जूबो | जूबो - ( न०) बाजरी आदि के एक दाने में निकले हुए अनेक पौधे । एक जड़ में से फूटे हुए नाज के अनेक पौधों का समूह । जूसर - दे० जुप्राड़ो । जू सरो- दे० जुम्राड़ों । जू सहरी - दे० जुग्राड़ो । जे - ( अव्य० ) १. यदि । २. जो । ( सर्व० ) १. जिस । २. जिसने । जिरग । ३. जो । ४. वह । जेई - दे० जेळी | जेखळ- ( न०) सूअर जेज - ( ना० ) १. देर । विलंब । २. समय । जेस । मौड़ो ।
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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