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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जरकोजणो जरीक ( ४२६ ) जरकीजणो-(क्रि०) १. गिरना । पड़ना। जरदपोस-(वि.) कवचधारी । (न०) २. गिरने से हड्डी में दर्द होना । ३. गिरने कवचधारी योद्धा। से हड्डियों का ढीला पड़ कर दर्द करना। जरदाळ-(न0) कवच । (वि०) कवचधारी । जरको-(न०) १. धक्का । २. चोट । जरदाळ -(न०) एक मेवा । खूबानी । आघात । जरब । ३.कर्कश बोल । वाणी किस्टो। की चोट । ४. मन को चुभने वाली कर्कश जरदाळो-(वि०) कवचधारी । वाणी । ५. धमकी । डाँट । (वि०)बीर । जरदेत-(वि०) कवचधारी। बहादुर । जरदो-(न०) १. तम्बाकू । जरदा । २. जरख-(न०)एक हिंसक पशु । लकड़बग्घा। तम्बाकू का पत्ता या चूरा । ३. चावलों घोरखोदो। से बना एक व्यंजन । जरदा । जरखणी-(ना०) जरख की मादा । (वि०) जरबाफ-दे० जरीबाफ। झगड़ने वाली । झगड़ालू । जरबो-(न0) १. जूता । २. भारी वजनी जरख वाहणी-(ना.) डाकिनी । डाकण । जूती । किसानी जूती। जरजोजण-दे० जुरजोण । १. जरंद-(न०) चाबुक । २. मजबूत और । भारी जूता । ३. चाबुक या जूते की मार । जरझरी-(ना०) जस्ता प्रादि धातु की बनी ४. सख्त मार । कड़ी पिटाई ।। सुराही । जस्ते का बना नली वाला एक जरा-(वि०) थोड़ा। कम । (ना०) १. जल-पात्र । जरायुज । पिंडज । २. वृद्धत्व । वृद्धाजरठ-(वि०) १. वृद्ध । बुड्डा । २. जीर्ण । वस्था । बुढ़ापा । पुराना । जराक-(वि०) थोड़ा सा । जरासा । (न०) जरडो-(वि०) वृद्ध । बुड्डा । १. भय । २. चोट । जरक । जरणा-(ना०)१. क्षमा । २. सहनशीलता। जरापण-(प्रव्य०)थोड़ा भी। (न०)बुढ़ापा। क्रोध को मारने की शक्ति । जरापणो-(न०) बुढ़ापा । जरणारजन-दे० जनार्दन । जरायत-(वि०)वर्षा के पानी से होने वाला जरणो-(क्रि०) १. पचना । हजम होना। (खेती काम)। बागायत से उलटा। २. सहन होना। ३. धन का वास्तविक धि देज का राजा। रूप में खर्च होना । सम्पत्ति का सदुपयोग कंस का ससुर । होना। जरासीक-दे० जराक। जरतार-(वि०) जरी का काम किया हुआ। जरासो-दे० जराक । (न०) जरी के तार । सोने के तार । जरा-(क्रि०वि०) जब । जरै । जद । . जरतास-(न०) जरी और ताश से बुना जरियो-(न०) १. साधन । जरिया । २. कपड़ा । जरबफ्त । मार्ग । तरीका । ३. लगाव । संबंध । जरतो-(क्रि०वि०) १. अनुमान सर । २. जरिया । ४. कारण । हेतु । सब की रुचि अनुसार । (वि०) थोड़ा। जरी-(न०) १. कारचोबी । कलाबत्त । २. कम । नरतो। कपड़े में सुनहले तारों का बेलबूटे आदि जरद-(वि०) पीला । जर्द। (न०) १. का काम। . कवच । २. घोड़ा। जरीक-दे० जराक। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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