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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बैंकलो छेकलो-दे० छेकड़ो। छेकाछेक-(ना०) १. लिखे हुए को रद्द समझने के लिए उसके ऊपर खींची हुई लकीरें । काटा-कूटी । २. काटने चीरने का काम । छेकानुप्रास-(न0)एक अलंकार (साहित्य)। छेकियोड़ो-(वि०) लिखावट में काट-छाँट किया हुआ । लिखावट पर काट-छाँट की हुई। काटा हुआ । रद्द किया हुअा। छेको-(क्रि०वि०) शीघ्र। जल्दी। (न०) शीघ्रता । दे० छेक । छेकोक्ति-(ना०) साहित्य में एक अलंकार। छेटी-दे० छेती। छटै-(क्रि०वि०)दूर । दूरी पर । फांसले से। छेटो-(क्रि०वि०) दूर । (न०) दूरी। अंतर । छेड़-(ना०) १. छेड़छाड़ । छेड़ने का काम । २. रगड़ा । चाल । बदमाशी। ३. हँसी। दिल्लगी। मसकरी। छेड़खानी-(ना०) छेड़-छाड़। छेड़छाड़-(ना०) किसी को तंग करने या चिढ़ाने की बात या क्रिया। छेड़णी-(ना०) दे० छेड़ या छेडखानी। छेड़णो-(क्रि०) १. छेड़ना। तंग करना। २. चिढ़ाना । खिजाना । ३. किसी कार्य, - गायन या विवाद आदि को शुरु करना। छेड़ा-दे० छाजिया। छेड़ा-छेड़ी-(ना०)१. पाणिग्रहण के अवसर पर तथा भांवर लेते समय वर ओर कन्या के दुपट्टे और चुनरी दोनों के छोरों में दी जाने वाली गांठ । गठजोड़ा। गठबंधन । २. छेड़खानी। छेड़ा-छेड़ी री जात-(ना०) १. गॅठजोड़े के साथ दम्पति द्वारा की जाने वाली देव-पूजा या यात्रा । पाणिग्रहण के बाद नवदंपति का देव दर्शन को जाना। २. किसी मान्यता के उपलक्ष में दम्पति द्वारा की जाने वाली देव दर्शन की यात्रा और मेंट। छेड़ा लेणो-(मुहा०) १. वृद्ध के मरने पर उसकी कीत्ति को स्त्रियों द्वारा रोने की राग में गाना। २. वृद्ध समधी की मृत्यु पर समधिनों के द्वारा व्यंग्य या परिहास के रूप में शोक-गीत का गाना । सापा गाना । पल्ला लेणो । छेडियो-(न०) १. गले का वह आभूषण जिसके किनारों पर पोत (चीडों) या मोतियों के गुच्छे लगे हों। २. पोत या छोटे मोतियो का गुच्छा। छेड़-(क्रि०वि०) १. एक ओर । २. किनारे पर । छोर पर। छेड़ो-(न०)१ ओढ़ने या साड़ी का पल्ला । वस्त्र का छोर । २. घूघट । ३. अंत । पार । समाप्ति । ४. किनारा। अंतिम भाग । ५. सीमा । हद । ६. एक ओर । ७. रुदन का एक प्रकार । ८. मृतक के पीछे स्त्रियों का रुदन । ६. वृद्ध मृतक के पीछे स्त्रियों द्वारा रुदन राग में गाया जाने वाला शोक-गीत । छेड़ो वाळणो-(मुहा०) मृतक के पीछे रोना । (स्त्रियों का) छेणी-दे० छीणी। छेतरण-(ना०) १. कपट । छल । २. धोखा । दगा। छतरणो-(क्रि०) १. धोखा देना । ठगना । २. भुला देना। भ्रम में डालना । चकमा देना । कपेट करना। छेतरामण-(ना०) १. ठगाई । धोखा । २. भ्रांति । घोखा । भ्रम । ३. कपट । छल। ४. भूल। छेतरामणी-दे० छेतरामण । छतरीजणो-(कि०) १. धोखा खाना । ठगीजणो । २. भ्रम में पड़ना । छेती-(ना.) १. दूरी । फासला । अंतर । छेटी । २. बाधा । अड़चन । छेत्र-(न०) क्षेत्र । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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