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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३८३ ) चीथणो चीरी-(ना.) १. छोटी पतली फांक । वस्त्र चींनो-(न0) इमली का बीज । कूको । या फल आदि का काटा हुआ लंबा कुंगो । टुकड़ा । २. चिट्ठी-पत्री । पत्र। चींगट-(न०) १. चिकनाई । स्निग्धता । २. चीरो-(न०) १. चिर जाने का लंबा घाव । घी, तेल आदि चिकने पदार्थ । (वि०) २. चीर-फाड़ । डाक्टरी शस्त्र क्रिया । १. चिकना । चीकट । २. तेल, घी आदि ऑपरेशन । ३. पगड़ी । ४. लीरा। लगा हुआ। लीरो। ५. टुकड़ा। ६. किसी कार्य की चींगटो-(वि०) जिस पर चिकनाई लगी हई सहायता के लिये बहुत आदमियों से थोडा हो । चिकनाई वाला। स्निग्ध । चिकना। थोड़ा मांगकर इकट्ठा किया हया धन । चींगरण-दे० चींघण । ७. रियासती या जागीरी जमाने का एक चींगास-दे० चंगास । लगान । चींगासरगो-दे० चंगासणो । चील--(ना.) १. चील पक्षी । २. बथुए की चींगो-(न०) घोड़ा। जाति की एक भाजी । ३. साँप। ४. एक चींघरण-(ना०) १. निर्धूम अग्नि का ढेर । देवी । ५. तँवर क्षत्रियों की देवी। चिता की अग्नि में शव को इधर-उघर चीलख-(ना०) १. चील पक्षी। २. एक करने की लंबी लकड़ी। ३. चिता की अग्नि । श्मशान की अग्नि । ४. श्मशान भाजी। चीलड़ी-(न०) तवे पर घी में तली हुई की राख । भस्मी। ५. आग्नेय दिशा । आटे या बेसन के घोल की एक प्रकार चीचड़-(न०)जानवरों की चमड़ी से चिपका की पूरी। उलटा । चिलड़ा। चीला । __रहकर खून पीने वाला एक कीड़ा । घारलो। किलनी। चिचड़ा। चीलर-(न०) १. थोड़े पानी का छोटा चीचड़ो-दे० चीचड़। तालाब । नाडो । पोखरा । पोखरी । २. चीचाड़णो-(क्रि०) रुलाना । रेजगी । रेजगारी । ३. सूअर का बच्चा । चींचाणो-(क्रि०) १. रुलाना । २. रोना। चिल्लाना । चीलराज-(न०) शेषनाग । चींटलो-(न०) सांप का बच्चा । चीलरो-(न०) १. सूअर का बच्चा। २. चींटी-(ना०) चिउँटी । कीड़ी। दे० चीलड़ो। चींत-(ना०) १. चिंता । फिक्र । २. याद । चीलो-(न०) बैलगाड़ी के चलने से बनने स्मरण। वाले पहिये का लंबा चिन्ह । गाड़ीवाट । ' चीतगो-(क्रि०) १. चिंता करना। २. २. रेल की पटरी । ३. रिवाज । चाल । विचार करना । ३. याद करना। परम्परा । ५. मार्ग। चींतवणो-दे० चींतरणो। चीवट-(ना०) १. तत्परता । मुस्तैदी । २. चीथडियो-(वि०) १. चिथड़ों का व्यवसाय लगन । लीनता। तन्मयता। करने वाला । २. फटे-पुराने चिथड़े पहिचीवर-(न०) वस्त्र । नने वाला। ३. मैला-कुचेला । गंदा । चीस-(ना०) १. पीड़ा। दर्द । २. कराह । (न0) चिथड़ा। चीसणो-(क्रि०) पीड़ा से कराहना । चीथरणो-(क्रि०) १. रौंदना । कुचलना। चीखना। २. दबाना। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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