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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चंद्रहास (३६ ) चाख चंद्रहास-(ना०) १. तलवार । २. रावण चवरी-(ना) १. लग्न मण्डप । विवाह की तलवार का नाम । ३. एक भक्त का वेदी। २. घोड़ों के पूछ के बालों की नाम । बनाई हुई चमरी । अमरी। चंद्रहाँस-(न०) चंद्रहार । हार । चँवरीदापो-(न०) १ विवाह का एक नेग । चंद्राणणी-दे० चंदाणणी। २. विवाह का एक राज कर । चंद्रायणो-(न०) एक छंद । चवरीलाग-दे० चैवरी दापो। चंद्र वो-दे० चंदोवो। चवळे री-(ना०) चौले की फली। चंद्रोदय-(न०) १. चंद्रमा का उदय । २. चवळो-(न0) चौला । चवळो। ___ एक रसौषधि । चवाळियो-(न0) मकान के छत की पत्थर चंपक-(न०) चंपा का वृक्ष अथवा पूष्प। की पट्टियों तथा भारी पत्थर को उठाकर चंपकळी-(ना०) १. गले का एक आभूषण। ऊपर रखने वाला मजदूर । २. चंपे के फूल की कली। . चा-(प्रत्य०) प्राय: काव्य में प्रयुक्त छठी चंपकवरणी-दे० चंपावरणी। विभक्ति का बहुवचन रूप । के । चंपणो-(क्रि०)१. दबाना । २.पैर चाँपना। चाउडा-(ना०) चामुडा। ३. पकड़ना। ४. हराना। ५. लज्जित चाऊ-(वि०) १. मिष्ठान्न खाने की आदत होना। ६. लज्जित करना । ७. छिपना। वाला । २. खूब खाने वाला । ३. रिश्वत चंपत-(वि०) लुप्त । गायब । लेने वाला। चंपाई-(वि०) चंपा के रंग के समान । चाक-(ना०) १. बागा (जामा) का घेरवाला चंपा-वरणी-(वि०) १. चंपा के फूल के नीचे का भाग । २. कुम्हार का बरतन बनाने का चक्र । ३. बड़ी चक्की। ४. समान वर्ण वाली । गौर वर्ण वाली। चक्र । ५. पहिया। ६. बोर्ड पर लिखने चंपी-(ना०) पाँव दबाने का काम । की खड़िया मिट्टी की पैन । (वि०) १. चंपू-(न०)गद्य-पद्य मय काव्य । वह साहित्य स्वस्थ । चंगा। २. मस्त । मदोन्मत्त । कृति जिसमें गद्य पद्य दोनों हों। ३. सावधान । सचेत । सतर्क । ४. तृप्त । चंपेल-(न०) १. चंपे का तेल । २. चमेली ५. ठीक । दुरुस्त । ६. सज्जित । ७. का तेल । प्रसन्न । कुशल । राजी खुशी।। चंपेली- (ना०) चमेली। चाकर-(10)१. नौकर । सेवक । २. दास। चंपो-(10) चम्पे का वृक्ष या फूल । चंपा। ३. गोला । ४. एक जाति । गोला जाति । चंपक। चाकराणी-(ना०) १. चाकरनी। नौकचंबळ-(ना०) कोटा के पास होकर बहने रानी । २. दासी । ३. गोली। वाली राजस्थान की एक नदी जो विंध्या- चाकरी-(ना०) १. सेवा । २. नौकरी। चल पर्वत से निकलती है और यमुना में चाकली-(ना०) चक्की । मिल जाती है । चर्मण्यवती । चम्बल। चाकी-(ना०) १. चक्की । घट्टी । २. चंबु-सुराही । भुड़को। टिकिया। चंवर-(न०) चमर । चामर । चाकू-(ना०) चक्कू । छुरी। छरी। चंवरगाय-(ना०) वह गाय जिसके पूंछ के चाख-(ना०) १. नजर । दृष्टि-दोष । वीठ । बालों से चमर बनता है। २. आँख । (वि०) प्रसन्न । (प्रव्य०)राजी For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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