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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घाचघूच ( ३४७ ) धारड़ो घाचघुच-(ना०)१. अव्यवस्थित बनावट । घाण-(न०) १. राशि में की उतनी वस्तु २. मोच । खड्डा(बरतन में)। ३. बखेड़ा। जो एक बार में कोल्हू में पेली जाय या (वि०) प्राड़ा-टेढ़ा। भट्टी पर पकाई जाय । धान । संपूर्ण राशि घाट-(न०) १. जलाशय का बँधा हुमा । का उतना एकम जो एक बार में तला, किनारा । २. नदी, तालाब आदि का पीसा, पेला या पकाया जाय । २. नाश । ३. युद्ध । ४. हैरान । व्यग्र । ५. कोल्हू । तट । तीर । ३. मार्ग । रास्ता। ४. ६. सुगध । ७. समूह । (वि०) तरबतर । पर्वत का तंग व दुर्गम मार्ग | घाटी। सरोबार। ५. प्राभूषण । गहना। ६. बनावट। घाण काढणो-(मुहा०) १. नाश करना । शिल्प । दस्तकारी। कारीगरी। ७.स्थान। २. हैरान करना । ८. दशा । अवस्था । ६. ढंग । तरीका। घारण-मथारण-(न०) किसी बात पर लंबा १०. व्यवस्था। ११. रूप। १२. प्रकार। विवाद । २. संहार । नाश । ३. कलह । घाण-मथारण करणो -(मुहा०) १. विवाद भौति । १३. शरीर । १४. षड्यन्त्र । करना । २. बहुत सोच विचार करना । (ना०) दली हुई मक्की या बाजरी का घाणी-(ना०) कोल्हू। छाछ में पका कर बनाया हुआ एक खाद्य । घाणो-(न0) उतनी वस्तु या अंश जितनी एक रंधेज । २. मृत्यु । (वि०) कम। एक बार में पेली या पकायी जाय। २. थोड़ा। नाश । संहार । ३. समूह । घाटघड़-(ना०) १. सोच विचार । चिता। घात-(ना०) आपत्ति । विपत्ति । २. कष्ट । उधेड़ बुन । (वि०) विचार मग्न । दुख । ३. अहित । हानि । ४. घोखा । घाटघड़ो लुहार-(न०)वह लुहार जो चाँदी छल । ५. हत्या । वध । नाश । ६. के जेवर बनाने का काम करता हो । दुर्दिन । ७. ताक । अवसर की प्रतीक्षा । घाट-बराड़-(ना०)१. घाट पर स्नान करने . ८. चोट । घाव । प्रहार । ६. दाँव । का कर। २. पहाड़ी की घाटी में रक्षार्थ पेंच । १०. पानी में डूबने या अकस्मात होने वाली मृत्यु । ११. निंदा । बुराई । लगने वाला यात्रा कर । घाटादारी-(ना०) घाटी में होकर जाने का घात करणी-(मुहा०) धोखा देना । कर। घातक-(वि०)१. घात करने वाला। मारने घाटारोह-(न०) १. पर्वत की घाटी से वाला । घातक । २. शत्रु । पसार नहीं होने देने के लिये किया जाने घातकियो-दे० घातक । वाला बंदोबस्त । धाटावरोध । घा-तकियो-(न०)एक विशेष घास का बना घाटावळ-(न0) १. विकट पहाड़ी मार्ग । तकिया । बूसी घास से भरा तकिया। २. पर्वत लाँघने का एक मात्र मार्ग। घातकी-दे० घातक । घाटी-(ना०) १. दो पहाड़ों के बीच का घातगो-दे० घालणो । भाग। २. दो पहाड़ों के बीच का तंग घातियो-दे० घातक । घाती-दे० घातक । रास्ता । ३. पहाड़ी ढलाई । ४. संकट । घाबाजरियो-(न०) घाव पर लगाने की आपत्ति । एक वनस्पति । घाट-(वि०) कम । थोड़ा । घायल-(वि०) जख्मी । पाहत । घायल । घाटो-(न०) १. हानि । नुकसान । २. घायो-(वि०) आहत । जख्मी। कमी । न्यूनता । ३. पहाड़ की बड़ी घारडो-(न०) तवे पर बनाया जाने वाला घाटी । ४. दुर्गम पहाड़ी मार्ग। मालपुए की तरह का एक पकवान । घाटो पड़णो-(मुहा०) नुकसानों होना । चीलड़ो। उलटा। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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