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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra घटना www.kobatirth.org ( ३४१ ) ४. उचित होना । उचित लगना । ५. लागू होना । घटना - ( ना० ) १. रचना । बनावट । २. माजरा। वारदात | घटमाळ - ( ना० ) १. रहेंट की घड़ियों की माला । २. क्रम । प्रणाली । ३. आवागमन । जन्म-मरण । घट - वध - ( ना० ) १. कमीबेशी । न्यूनाधिकता । २. अवनति - उन्नति । ३. मंदी तेजी | ( व्यापारिक वस्तु की) । घटा - ( ना० ) १. बादलों का उमड़ना । मेघमाला । २. वृक्ष समूह । ३. समूह | झुंड घटाटोप - ( न०) बादलों या रज के उड़ने से हुई छाया या अंधेरा । २. आकाश में छाई हुई बादलों की घटा । घनघोर घटा । ३. श्रोहार । छाजन । श्राच्छादन । घटाड़ो - ( क्रि०) १. घटाना । कम करना । २. शेष करना । बाकी निकालना । ३. उचित ठहराना । ४. लागू करना । घटारो - दे० घटाणो । घटावरगो-दे० घटाड़णो । घटिया - ( वि०) १. अपेक्षाकृत निम्न कोटि का । उतरता । हलका । २. तुच्छ । नीच । कमसल | घटियो - दे० घटोलियो । घटूलियो - दे० घटोलियो । घटोलियो - ( न०) छोटी चक्की । घट्टी - ( ना० ) आटा पीसने की चक्की | घरटी । घड़ - ( ना० ) १. सेना । २. शरीर । ३. समूह । ४. घटा । ५. घड़ा । ६. परत । तह । ( क्रि०वि०) १. यथास्थिति । ठिकाने सर । २. समुचित रूप में । घड़घड़ाट - ( न०) गर्जन । गाड़ी चलने आदि से होने वाला शब्द । घड़रणो - ( क्रि०) १. घड़ना । बनाना । घड़ियो प्राकार देना । २. शिक्षित बनाना । योग्य बनाना । ३. माल बेच कर पैसा बनाना । घड़त दे० घड़तर । घड़तर - ( ना० ) १. बनावट । गढ़न । २. कारीगरी । ३. शिल्प | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घड़ बैठरणो - ( मुहा० ) १. समुचित रूप से तय होना । २. किसी काम का यथा स्थिति, यथास्वरूप पार पड़जाना । घड़भंजरण - ( ना० ) १. निर्माण और नाश । २. उथल-पुथल । ३. विचारों का उठना और समा जाना । विचारों की उथलपुथल । उधेड़बुन । (वि०) सेना का नाश करने वाला । वीर । घड़मोड़ - ( वि०) शत्रु की सेना को पीछे हटाने वाला । २. शूरवीर । घड़ली - ( ना० ) १. रहँट की माल में बँधी रहने वाली घड़िया । घेड । २. कागज, कपड़े आदि की परत । घड़ी । घड़वे - (To) सेनापति । घड़ा - ( ना० ) १. सेना । फौज । २. समूह | भुंड । घड़ाई - ( ना० ) १ घड़ने का काम । २. घड़ने का पारिश्रमिक | घड़ारणो- दे० घड़ावणो । घड़ामरण - दे० घड़ाई । घड़ामणी - दे० घड़ामरण । घड़ामोड़ दे० घड़मोड़ | - घड़ाळ - ( वि०) १. सेना वाला । २. शूरवीर । घड़ावरणो- ( क्रि०) घड़ाना | गढ़ाना । बन वाना | घड़ा - विभाड़ - (वि०) शत्रु सेना का नाश करने वाला । घड़ियक - ( क्रि०वि०) घड़ी भर के लिये । एक घड़ी भर । घड़ियाल - ( ना० ) १. घड़ी । २. घंट । कोरा | (To) मगरमच्छ । ग्राह । घड़ियो - ( न० ) १. किसी अंक के एक से १० तक गुणनफलों की क्रमिक सारणी । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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