SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मटा (१८) प्रठी-उठी अटा-(ना०) १. अटारी। २. महल । अठजाम-(ना०) पाठों प्रहर । मष्टयाम । ३. गवाक्ष । झरोखो। (वि०) पाठ मास में जन्मा हुआ। अटाटोप-(वि०) १. घटाटोप २. छाया अठमासा । अठमासियो। हुप्रा। अठड़ोतरसो-(न०) पहाड़े में बोली जाने अटामण-(न0) साग, तीवन आदि में वाली एक सौ पाठ (१०८) की संख्या। झोल को गाढ़ा बनाने के लिये मिलाया अठन्नी-(ना०) पाठ ानों या आधे रुपये जाने वाला बेसन । २. पलेथन। का सिक्का । पळे थण । अठपहलू-(वि०) पाठ पहलवाला। अटारी,-दे० अटा। अठमासियो-(वि०) १. आठ मास में अटाळ-(वि०) बदमाश । प्रांटाळ । (न०) उत्पन्न होने वाला (बच्चा) । २. पाठ ढेर । राशि। महीनों का । अठमासा। अटाळो-(न०) १. टूटा-फूटा सामान । अठवाटी-(ना०) मरणान्त दुराग्रह । २. फालतू सामान । कबाड़ो। ३. फालतू अठवाटी-खट वाटी,-दे० अठवाटी। सामान का ढेर । अठवाड़ो-(न०) एक वार से उसी वार अटूट-(वि०) १. नहीं टूटने वाला । दृढ़ । तक का समय । आठ दिनों का समय । __ मजबूत । २. अजस्र । ३. अविच्छेद । अठवाड़ा। वारोवार । अटेर-(ना०) १. अदीनता। प्रदैन्य। अठाइस-दे० अट्ठाइस । २. नाखुशामद । (वि०) खुशामद नहीं अठाइसो-दे० अट्ठाइसो । करने वाला। अठाई-(ना.) १. जैनों का आठ दिनों अटेरण-(न0) एक उपकरण जिसपर का उपवास । दे० अट्ठाइस । सूत को लपेटकर अंटी बनाई जाती है। अठाऊं-(क्रि०वि०) यहां से प्रसू। अटेरन । अटेरणो । फाळकियो। अठाण-(न०) स्थान । (वि) १. स्थान अटेरणियो-(न0) अटेरन । (वि०) रहित । बेघर । २. अकुलीन । ३. जबरअटेरने वाला। दस्त । अटेरणो-(क्रि०) १. अटेरन पर सूत को अठाणुनो-(न०) अट्ठावनवां वर्ष । लपेट कर अंटी बनाना । २. खूब खाना। अठाणू-(वि०) अठानवे । (न०) अठानवे ३. खा जाना । (न0) अटेरन । की संख्या, '' अट्ठ-(वि०) आठ । (न०) आठ की संख्या, अठातक-(क्रि०वि०) यहां तक । अठतक । '८' पाठो। . अठाताई-(क्रि०वि०) यरे तक । अठताई। अदाइस-(वि०) बीस और आठ । (न०) अठाम-(वि०) स्थान रहित । घर रहित । बीस और पाठ की संख्या, '२८.' अठाइस। (न०) १. कुठौर कुठाम । २. बेमौका । अट्ठाइसो-(न०) १. अठाइसवाँ वर्ष । अठालग-(क्रि०वि०) यहाँ तक । २. दो हजार आठ सौ की संख्या, '२८००' अठावन-दे० अट्ठावन । (वि०) दो हजार आठ सौ। अठासू-दे० अठाऊं। अट्ठावन-(वि०) पचास और आठ। अठी-(क्रि०वि०) १. इधर । यहां । अठ। (न०) पचास और आठ की संख्या, '५८' अठी-उठी-(क्रि०वि) इधर-उधर । अठअठ–दे० प्रट्ठा। प्रोठे। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy