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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गंगा न्हावणो गंदीवाड़ो गंगा न्हावणो-(मुहा०) १. पाप, झंझट गंजेड़ी-(वि०) गांजा पीने वाला। नशाबाज । और उत्तरदायित्व से बरी होना। २. गंगा गंजो-(न०) गंज रोग वाला। में स्नान करना। गंठ-(ना०) १. गाँठ । २. उलझन । ३. मायागंगा-परसादी-(ना०) गंगा-यात्रा की प्रसादी रूपी गांठ । प्रविद्या । अज्ञान । और गंगाजल बाँटने के निमित्त किया गंठियो-(न०) १. संधिवात का एक रोग । जाने वाला भोजन-समारोह। गठिया रोग । २. गॅठकटा। गिरहकटा । गंगा-सागर-(न०) वह तीर्थ स्थान जहाँ ३. ठग । धूर्त । ४. एक घास । गंगा सागर में मिलती है। २. टोंटी वाला गंठीजणो-(क्रि०) बंध जाना । लोटा । गंठो-(न०) १. ऊंट पर दोनों प्रोर लदी गंगा-स्वरूप-(वि०) १. गंगा के समान हुई जलाने की लकड़ियों (इंधन) की निर्मल स्वभाव वाला। २. शांत प्रकृति लाव । २. कस कर बांधी हुई गठरी । के धर्माचारी व्यक्तियों के नाम के पहिले ३. पानी में ऊपर से सीधी मारी जाने आदरार्थ प्रयुक्त होने वाला एक विशेषण। वाली छलाँग। ३. विधवा स्त्रियों के नाम के पूर्व लिखा गंडक-(न०) १. कुत्ता । कूतरो । २. ग्रामजाने वाला आदर सूचक 'गं० स्व० शूकर । विशेषण का पूरा नाम। गंडकड़ी-(ना०) १. कुत्ती । कुतिया । गंगेरण-(मा०) १. एक वृक्ष । २. इस वृक्ष कूतरी । २. ग्राम-शूकरी । __ की लकड़ी। गंडकड़ो-दे० गंडक । गंगेव-(न०) गांगेय । भीष्म पितामह । गंड़की-(ना०) १. एक नदी का नाम । गंगोज-(न०) दे० गंगा-परसादी । २. कुतिया । कुत्तो। गंगोतरी-(ना०) वह तीर्थ स्थान जहाँ से गंडसूर-(न०) ग्राम शूकर । गंगा निकलती है । गंगोत्री। रुद्र हिमा- गंडसूरो-दे० गंडसूर । लय। गंडूरो-दे० गंडसूर । गंज-(न०)१. ढेर । राशि । २. एक के ऊपर गंडो-(न०) १. अंकुश । २. एक शस्त्र । एक रखी हुई एकसी चीजों का ढेर । ३. ताबीज । गंडा। ३. सिर की चमड़ी का एक रोग। गंदगी-(ना०) १. मैलापन । २. अस्वच्छता । खल्वाट । ४. एक ही वस्तु के क्रय-विक्रय अशुद्धता । ३. मैला । मल । का बाजार । मंडी। गंदळ-(ना०) मूली, गाजर आदि के पत्तों गंजणहार-(वि०) १. शत्रुओं का नाश करने के बीच में उत्पन्न होने वाला एक कोमल वाला । २. वीर । ३. जीतने वाला। डंठल वाला पत्ता। गंजगो-(वि०) शत्रुषों का नाश करने वाला। गंदवाड़-(ना०) १. गदंगी । २. अस्वच्छता। (क्रि०) १. नाश करना । गंजना २. परा- ३. गंदीवाड़ा। जित करना। ' गंदियो-(न०) १. एक तीक्ष्ण बदबू वाला गंजीजणो-(क्रि०) १. नाश होना । मरना। घास । २. एक कीड़ा । २. हारना। गंदीवाड़ो-(न०) १. दुर्गंध वाले कचरे का गंजीफो-(न०) १. ताश की गड्डी। ताश ढेर । २. वह स्थान जहाँ ऐसा गंदा कचरा का खेल। पड़ा हो । ३. गंदगी। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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