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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खाँड बारस ( २८३ ) खाँभियो १. खाँडने वाला । मूसल से कूटने वाला। एक विशेषण । २. कूदते हुये चलने या दौड़ने वाला खाँदेड़ी-दे० खानेड़ी। (सवारी ऊंट)। ३. मारने वाला । नाश खाँध-(ना०) १. कंधा। २. पशु की गरदन। करने वाला। ३. अरथी को कंधे पर उठाने का भाव । खाँड बारस-दे० खाँडबारो । खाँधियो-(न०) शव की रथी को कंधे पर खाँडबारो-(न०) बारहवें दिन किया जाने उठा कर श्मशान ले जाने वाला। अरथी वाला मृत्यु-भोज । प्रौसर । नुकतो। ढोने वाला । कंधा देने वाला। मौसर । खाँधो-(न०) १. कंधा। २. बैल की गरदन । खाँडरणो-(क्रि०) १. नाश करना । खाँधोळो-(न०) १. कंधा । २. जुए की लंबी २. मारना । ३. टुकड़े करना । लकड़ी के बूगों (सिरों) के पास ऊपर खाँडव-(न०)१.एक वन का नाम (पुराण)। की ओर उठा हुग्रा भाग। खाँडाधर-(वि०) शस्त्रधारी।। खाँप-(ना०) १. कुल-शाखा । २. वंश । खाँडाळी-(वि०) टूटे हुए सींगों वाली। ३. गोत्र । ४. जाति । ५. फल की लंबी (गाय, भैस आदि) चीरी । ६. छील कर बनाया हुआ बाँस खाँडियो-(वि०) १. खंडित सींगों वाला। का चिपटा टुकड़ा । खपची । चीप । (ढोर) २. विकलांग । खांडा। खाँपण-(न०) कफन । खाँडाळो-(वि०) खड्गधारी। खाँपो-(न०) १. टूटी हुई डाल के तने से खाँडी-(वि०) खंडित । (ना०) १. एक लगा रहने वाला ठूठ । गुत्थ । २. तौल । २. एक माप । ज्वार बाजरी आदि के डंठलों का वह खाँडेराव-(वि०) १. तलवार चलाने में नीचे का भाग जो फसल काटने पर भी प्रवीण । २. खड्गधारी। जमीन में लगा रहता है। घोचो। (वि०) खाँडेल-(वि०) खड्गधारी । १.झगड़ालू । लड़ाकू । २.उजड्ड । गँवार । खाँडो-(न०) १. तलवार । २. दुधारी खाँपो-खरड़ो-दे० खाँपो-खीलो। तलवार । (वि०) १. खंडित । खाँडा। खाँपो-खीलो-(विः, खांपा और जीत के टूटा हुअा । २. अपूर्ण । समान चुभने वाला । दुखदायी। दुष्ट । खाँडो-खोचरो-(वि०) टूटा-फूटा। २. कलहप्रिय । झगड़ालू । खोलोखाँपो । खाँत-(ना०) १. तीव्र इच्छा । २. लगन। खाँभ-(ना०) १. पर्वत का मोड़ । २. दो ३. चतुरता। ४. रुचि । ५. विवेक बुद्धि। पर्वतों के मध्य का भाग ३. पहाड़ी ६. उत्कंठा । ७. सावधानी। होशियारी। ढलाव । ४. पहाड़ का भीतर घुसा हुआ ८. सावधानी से काम करने का गुण। काग । ५. तलहटी । ६. कुए में से पानी ६. देख रेख । निगहबानी। १०. शौक ।। निकाले जाने वाले चरस की लाव (रस्से) ११. उमंग । की कीली। खाँतीलो-(वि०) १. तीव्र उत्साह व इच्छा खांभरणो-(क्रि०) १. ठहराना। २. रोकना। वाला। २. जानने वाला ३. जिज्ञासु । ३. खड़ा करना। ४. मारना। ४. रसिक । ५. बहुज्ञ । ६. चतुर। खाँभियो-(न०)१. दे० खाँभीड़ो । खामेड़ो। ७. खाँत से काम करने वाला। (अव्य०) २. नट । (वि०) शव की रथी को कंधे विवाह संबंधी लोकगीतों के नायक का पर उठाने वाला । खाँधियो । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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