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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खापरियो ( २७६ ) खारचिया खापरियो-(वि०) १. धूर्त । शठ। चालाक । पात्र के ढक्कन की सांध को बंद किया २. ठग । वंचक ३. चोर । ४. अनाज में जाता है। ३. अकर्मण्यता। निठल्लापन । लगने वाला एक कीड़ा। ४. मौन । चुप। . खापां नमावणो- (मुहा०) उद्दण्डों को खामणियो-(न०) खाम करने के गोंद का झुकाना । उद्दण्डों को स रकरने वाला। बरतन । २. चूल्हे के आगड़ की पाली खापाँ न मावणो-(मुहा०) १. उत्साहित में हंडिया रखने के लिये बनाया हुआ होकर अथवा क्रोधित होकर अपने प्रापे में छोटा गोल खड्डा । नहीं रहना । २. अति अभिमान करना। खामणी-दे० खामणियो । खापी-(ना०) १. आवश्यकता। जरूरत । खामणो-(क्रि०) १. गीली मिट्टी आदि से २. मांग । चाह । खपत । किसी पात्र के ढक्कन को चिपका कर बंद खाफरो-(न०) एक प्रसिद्ध चोर का नाम । करना। २. लिफाफे को (उसमें चिट्ठी खाबक-(ना०) १. खार भंजणा आदि डालकर) गोंद से चिपका कर बंद करना। से भरी हुई अंजलि या हथेली । खाबचो। (न०) १. शरीर की ऊँचाई। कद। २. २. अफीम (कंसूबे) से भरी हुई अंजलि । आकार । (वि०) ठिगना । बौना । ३. अंजलि । ४. यश-गायक । ५. भाट ठींगरणो । आदि याचक । याचक वर्ग । ६. भोजन- खामी-(10) १. दोष । भूल । २. कमी। भट्ट । त्रुटि । न्यूनता । कसर । ३. घाटा । खाबचो-(न०) हथेली का एक संपुट । हानि । ४. दोष । कसूर । अपराध । खाबक । खाबचो। __ खामीदार-(वि०) १. कसूरवार । अपखाबड़-(न०) १. जैसलमेर पान्त का एक राधी । दोषी। २. त्रुटित । खंडित । भाग । २, ईडर प्रदेश का एक भाग । ३. भूलक । खाबोलियो-(वि०) बाँये हाथ से भी काम खामेड़ो-दे० खांभीड़ो। करने या लिखने की आदत वाला। खामोश-(वि०) चुप । मौन । खाबेड़ी । सव्यसाची । खामोशी-(ना०) १. चुप्पी। मौन । २. खाबेड़ी-दे० खाबलियो। नीरवता। खाबोचियो-(न०) छोटा खड्डा । २. पानी खायकी-(ना.) १. रिश्वत । घूस। २. __ का छोटा खड्डा । डबरा । खाने का खर्चा । खाबोचो-दे० खाबोचियो । खार-(न०) १. क्रोध । गुस्सा । २. द्वेष । खाम-(न०)१. लिफाफा। २. संधि । जोड़। डाह । ३. दुश्मनी । ४. क्षार । ५. ३. बरतन और उसके ढक्कन की सन्धि सज्जीखार । ६. सुहागा । सुहागाखार । को गीली मिट्टी से बंद करने का काम। खारक-(ना०) छुहारा । खारक । खामखाह-(क्रि०वि०) व्यर्थ । योंही। खारक-चोर-(वि०) १. भगलोभी । भगखामचाई-(ना०) हस्तकौशल । कारीगरी। प्रिय । २. कामी। (न0) कामी पुरुष । ___ चतुराई । निपुणता। खारखंध-(वि०) क्रोधवाला । क्रोधी। खाम वो-(वि०) निपुण । प्रवीण । कुगल । खारच-(वि०) क्षार वाली (भूमि) । खामग-(न०) १. खामने की क्रिया । २. खारचिया-(वि०) साधारण खारे पानी की वह गीला पाटावा मिट्टी जिससे किसी सिंवाई से उत्पन्न होने वाले (गेहूं)। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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