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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काळी-पोळी ( २३३ ) कावड़ें विषधर जिसको श्रीकृष्ण ने वहाँ से २. खोटा। ३. छली । ४. भयंकर । भगा कर पुनः समुद्र में रहने के लिये (न०) १. सपं । २. प्रफीम । ३. कलंक । विवश किया था। कालिय नाग। काळो आखर-(न0) १. दुर्भाग्य । २. काळी-पीळी-(वि०) १. काली और पीली। मृत्यु । ३. मृत्यु संदेश । , मृत्यु-संदेश का काले और पीले रंग की। २. भयंकर। पत्र । ४. काली स्याही से लिखा अक्षर । (ना०) १. जीवन के उतार चढ़ाव। यथाः- काळो आखर भैंस बराबर । २ बड़ी बड़ी प्राफतें। काळो ऊन्हाळो-(न०) अत्यधिक गर्मीवाला। काळी बोळी-(वि०) १. अत्यधिक । घोर। ग्रीष्मकाल। २. तेज । प्रचंड। ३. भयंकर । भयावनी। काळोकूट-(वि०) अत्यन्त काला। ४. भयंकर आँधी । ५. ग्रीष्म की तेज धूप काळो टीलो-(न०) कलंक का टीका । और घोर अंधेरी रात का विशेषण शब्द। कलंक । लांछन । काळी माता-(ना०) कालिका देवी। काळो तारो-(न०) १. पिता को मारने काली रो कळस-(न०) १. पगली स्त्री के वाले शत्रु का बदला नहीं लेने वाले पुत्र सिर पर उठाये हुये घड़े के अखंडित रहने की कलंक रूप उपाधि । २. युद्ध से भाग की असंभावना। (वीरों के जीवन पर जाने वाले व्यक्ति का कलंककारी नाम । प्रारोपण) २. युद्ध करने के लिये अपने कालो तुतक-(वि०) बिलकुल पागल । निश्चय से नहीं हट कर मृत्यु को वरण कालो पाणी-(न०) शराब । दारू । करने वाले वीर का एक विशेषण। काळो पाणी-(न०) १. काला पानी । २. मरणोन्मत्त वीर का एक विशेषण । अंग्रेजों के शासन-काल में अंदामन द्वीप में ३. पगली के सिर का घड़ा। ४. राज- भेज देने की सजा। ३. देश निकाला। स्थानी लोक कथाओं की एक कथानक- ४. यातायात और पानी आदि की रूढ़ि। ५. वीर साहित्य का एक उपमा असुविधाओं वाला निकृष्ट स्थान । अलंकार । ६. एक कवि समय । काळो-पीळो-(वि०) १. क्रोधित । (न०) काळीगो-(न०) १. बरसाती तरबूज। काला और पीला। २. तरबूज । मतीरो। काळो मूडो-(न०) किसी नीच काम करने काळीदार-(न०) भयंकर विषला काला सर्प। का कलंक । काला मुह । काळ 'डी-(न०) १. कलंक । लांछन । काळो मूडो करणो-(मुहा०) १. कुपात्र २. बहुत बड़ा कलंक । या दुष्टजन का आँखों के आगे से दूर काळ स-दे० काळास । काळ डो। होना। प्रांखा-प्रदीठ होणो । २. कलंकित काले-(प्रव्य०) आने वाले या बीते दिन को। होने का काम करना । काळ कोसाँ-(अव्य०) १. बहुत दूर । २. काव-(ना०) १. मृत्यु । २. अवधि । मयाद । __दुर्गम और दूर। ' म्याद । काळे नाग रा झाग-(न०) अफीम । कावड़-(ना०) १. काँवर । बहगी। २. कालो-(वि०) १. पागल । उन्मत। २. देवी-देवता, धर्मात्मा और भक्तों आदि मूर्ख । ३. रणोन्मत्त । ४. मतवाला। पुण्य-पुरुषों के रंग-बिरंगे चित्रों की अनेक मस्त । छोटे छोटे खंडों वाली एक छोटी पेटी । काळो-(वि०) १. काले रंग का। काला। ३. इन चित्रों के दिखाते समय कावड़िये For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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